समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अप्रैल। आबकारी घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 24 घंटे के भीतर दूसरा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने वकीलों से हफ्ते में 5 बार मिलने की इजाजत मांगी थी. एक दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस अर्जी को खारिज किया था, जिसमें उन्होंने ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने ED के ऐक्शन को वैध बताया…
हाईकोर्ट के आदेश को SC में चुनौती
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट से मिले झटके के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने बताया कि उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध कराने के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष बुधवार को इसका उल्लेख किए जाने की संभावना है. मालूम हो कि ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा था कि बार-बार समन भेजने के बावजूद केजरीवाल के ED के समक्ष पेश नहीं होने के बाद जांच एजेंसी पास कोई खास विकल्प नहीं बचा था.
‘आम और खास’ के खिलाफ जांच अलग नहीं हो सकती’
उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते समय निदेशालय के इस दावे का भी हवाला दिया था कि केजरीवाल अपराध से हुई आय के उपयोग और उसके छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. दिल्ली हाईकोर्ट ने धन शोधन मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने और उसके समय पर सवाल उठाने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ‘आम और खास व्यक्ति’ के खिलाफ जांच अलग-अलग नहीं हो सकती. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धनशोधन से संबंधित है. संबंधित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था.