समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,03अप्रैल। कच्चातिवु द्वीप को लेकर उठा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर (Pok) और चीन ने जिन भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा किया है उसके लिए अतीत में की गई गलतियां जिम्मेदार हैं। ये कहते हुए एस. जयशंकर ने सीधे तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला किया।
इसके आगे उन्होंने कहा कि एस. जयशंकर ने बताया जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता की पेशकश की जा रही थी तब पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था, ‘भारत बाद में, चीन पहले।’
गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अहमदाबाद में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘1950 में, सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू के बीच विचार-विमर्श हुआ था। सरदार पटेल ने जवाहरलाल नेहरू को चीन के बारे में चेतावनी दी थी। सरदार पटेल ने कहा कि आज हम पाकिस्तान और चीन के सामने खड़े हैं (भारत के लिए यह हमारे इतिहास में पहली बार है)। सरदार पटेल ने भी कहा कि चीनी लोग जो कुछ भी कह रहे हैं, मुझे लगता है कि उनका इरादा अच्छा नहीं है और इसलिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए, हमें इसके चारों ओर नीति बनानी चाहिए।
नेहरू की स्थिति थी कि वह पूरी तरह से असहमत थे। पटेल को उन्होंने जवाब दिया कि आप बिना किसी कारण के चीनियों पर संदेह कर रहे हैं और हिमालय के पार हमला करना असंभव है। कुछ साल बाद यूएन में बहस हुई, क्या उस समय भारत को यूएन की सीट दी जानी चाहिए? तो नेहरू ने कहा था, हमें एक सीट का हक है, लेकिन पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चीन को एक सीट मिलती है। आज हम भारत पहले की बात कर रहे हैं। एक समय था जब भारत के पीएम ने पहले चीन की बात की थी।’
आगे विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा कि चाहे पाकिस्तान के मामले में हो, मुझे लगता है कि लोग जानते हैं कि सरदार पटेल यूनाइटेड नेशंस के पास जाने के खिलाफ थे क्योंकि उन्हें वहां के एक न्यायाधीश की मानसिकता का पता था।