तीसरी बार बीजेपी ने संघ और संगठन के करीबी हैं अजय टम्टा पर लगाया दांव, 2 बार रह चुके हैं सांसद

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3अप्रैल। छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में आए अजय टम्टा को संघ और संगठन का करीबी माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें अल्मोड़ा लोकसभा सीट से तीसरी बार टिकट दिया है. इससे पहले तक राजनीतिक हल्कों में उनके टिकट कटने की चर्चाएं जोरों पर थी और यह भी कहा जा रहा था कि उनकी जगह इस आरक्षित सीट पर बीजेपी रेखा आर्या को टिकट दे सकती है. लेकिन अजय टम्टा (Ajay Tamta BJP) ने संघ और संगठन का करीबी होने का फायदा उठाया और तीसरी बार इस सीट से टिकट झटक लिया. अजय टम्टा दो बार विधायक रहे हैं और पहली बार सांसद बनने के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट में टेक्सटाइल राज्य मंत्री बनाया गया.

अजय टम्टा भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) से जुड़े हुए थे. साल 2007 में उन्हें पहली बार सोमेश्वर विधानसभा सीट से टिकट मिला और वह इस सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनें. भुवन चंद्र खंडूड़ी सरकार में अजय टम्टा को राज्यमंत्री का प्रभार सौंपा गया. ठीक एक साल बाद 2008 में उन्हें राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. साल 2010 में पार्टी ने अजय टम्टा को अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2011 में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया.

दो बार रह चुके हैं सांसद, 2009 में प्रदीप टम्टा से गए थे हार
अजय टम्टा पर पार्टी को इतना भरोसा है कि उन्हें तीसरी बार भी टिकट दिया गया है. वह साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करा चुके हैं. इन दोनों ही लोकसभा चुनावों में मोदी मैजिक फैक्टर इतना जबरदस्त था कि अजय टम्टा के खिलाफ क्षेत्र में फैली नाराजगी तक दूर हो गई. हालांकि ऐसा भी वक्त आया जब अजय टम्टा को कांग्रेस के प्रदीप टम्टा से हार का सामना करना पड़ा. यह 2009 के लोकसभा चुनाव की बात है. इस चुनाव में अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा जीते थे. इसके बाद फिर साल 2012 के विधानसभा चुनाव में टम्टा सोमेश्वर से खड़े हुए और विधायक बन गए.

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