कैश फॉर क्वेरी’ केस में महुआ मोइत्रा की बढ़ेंगी मुश्किलें, 500 पेज की रिपोर्ट में एथिक्स कमेटी ने की सांसदी खत्म करने की सिफारिश!

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9नवंबर। कैश फॉर क्वेरी’ यानी ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट में TMC सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म करने की सिफारिश की है. इसके साथ-साथ एथिक्स कमेटी ने दर्शन हीरानंदानी से कथित नकद लेनदेन मामले की सरकार से जांच की सिफारिश की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, समिति ने संसद के लॉगइन ID और पासवर्ड शेयर करने के आरोपों को गंभीर बताया और कहा कि इसके लिए उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि एंटी-करप्शन पैनल ने ‘कैश फॉर क्वेरी’ यानी इसी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI जांच का आदेश दिया है.

500 पन्नों की है रिपोर्ट
न्यूज एजेंसी IANS ने सूत्रों के हवाले से बताया, ‘एथिक्स कमेटी ने इस पूरे मामले पर विस्तार से लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है. अपनी इस रिपोर्ट में एथिक्स कमेटी ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को काफी गंभीर मानते हुए उनके आचरण को आपत्तिजनक और अनैतिक करार दिया है. इसी को आधार बनाकर कमेटी महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.

ड्राफ्ट पर मुहर लगाने तैयारी
कमेटी के सभापति विनोद सोनकर 9 नवंबर गुरुवार को होने वाली एथिक्स कमेटी की बैठक में इस ड्राफ्ट रिपोर्ट पर मुहर लगवाने की कोशिश करेंगे, ताकि इसे कमेटी की रिपोर्ट के तौर पर लोकसभा स्पीकर के सामने पेश किया जा सके. हालांकि, एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्षी दलों के सांसदों के रवैये को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि गुरुवार को कमेटी की बैठक में जोरदार हंगामा देखने को मिल सकता है और इस बात की आशंका है कि कमेटी की इस रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए वोटिंग करवाने की नौबत भी आ सकती है.

निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा की तरफ से लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडानी ग्रुप पर केंद्रित थे. उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आचार समिति के पास भेज दिया था

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