बहुचर्चित संत और धार्मिक वक्ता आशाराम बापू का परिवार पिछले पांच साल से संकट में है। नाबालिग से बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे आसाराम के बेटे नारायण साईं को सूरत सेशन कोर्ट ने साध्वी से रेप करने के मामले में दोषी करार कर दिया है। अदालत इस मामले की अब 30 अप्रैल को सज़ा सुनाएगी।
आशाराम बापू के पुत्र नारायण साईं के खिलाफ साधिका ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। आज अदालत ने उसे इस मामले में दोषी करार दिया गया है। इस मामले में नारायण साईं समेत दस आरोपी हैं। इनमें नारायण साईं के अलावा सभी फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं।
उल्लेखनीय है कि साईं को सूरत की एक महिला से दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि साईं ने महिला से उस वक्त दुष्कर्म किया, जब वे आसाराम के आश्रम में थी। साईं को दिसम्बर 2013 में लाजपोर सेंट्रल जेल भेजा गया था। आसाराम खुद दुष्कर्म के आरोप में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।
आसाराम को एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना पांच साल पहले आसाराम के आश्रम की है। स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में दो अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया, जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। नारायण साईं को बलात्कार के आरोप में आज़ दोषी कर दिया गया। नारायण साईं की सजा का ऐलान 30 अप्रैल को किया जाएगा। संभवतः भारत के इतिहास में ऐसा इकलौता मामला है कि बाप और बेटे दोनों को बलात्कार के मामले में दोषी घोषित किया गया हो। और धार्मिक मामले में तो यह भी अजीबोगरीब प्रसंग है कि धार्मिक समुदाय से जुड़े बाप बेटे को एक ही जुर्म में अदालत ने दोषी करार करके सजा सुनाने जा रही है।