नयी दिल्ली/ लखनऊ। लोकसभा चुनाव में ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ पर विवाद लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है। समाजवादी पार्टी के आजम खान के बाद बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी अब इस विवाद में उतर गयी हैं। हालांकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल शुक्रवार को चुनाव आयोग में दिए अपने बयान पर सफाईनामा दी है।
इस विवाद के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी आज़ शनिवार को रामनवमी पर ट्वीट के जरिए बिना नाम लिए सीएम योगी पर निशाना साधा। उन्होंने रामनवमी पर देश और प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उनके जीवन में सुख और शान्ति की प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि आज जब लोग श्रीराम के आदर्शों का स्मरण कर रहे हैं तब चुनावी स्वार्थ हेतु बजरंग बली व अली के नाम को उछाल कर इसके बूते विवाद व टकराव पैदा की जा रही है। उन्होंने ऐसी सत्ताधारी ताकतों से जनता को सावधान रहने के लिए आगाह किया है।
वहीं, दूसरी तरफ चुनाव आयोग में दिए अपने जवाब और सफाई में में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उनकी मंशा गलत नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि वे भविष्य में इस तरह के बयान देने में जरुरी एहतियात अवश्य बरतेंगे। योगी ने अपने जवाब को लखनऊ में मुख्य चुनाव अधिकारी को सौंपा। सीएम ने कहा, वह आयोग के बयान को लेकर आपत्ति और दिए नोटिस के आधार पर अपनी तरफ से यह विश्वास दिलाते हैं कि भविष्य में सावधानी बरतेंगे और ऐसे बयानों से बचेंगे। चुनाव आयोग के यूपी प्रभारी चुनाव अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर भरोसा जताते हुए उनको इस विवाद से अलग कर दिया। इसके बावजूद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने बसपा समर्थकों को इस तरह धार्मिक उग्रता उन्मादी बयान देकर माहौल को प्रभावित करने वाले तमाम ताकतों से सावधान रहने और अंकुश में रखने का आह्वान किया।
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