अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली / रायपुर। देश के लाखों मतदान केंद्रों में सबसे छोटा मतदान केंद्र कौन सा है? यह जानना भी सबसे रोचक दिलचस्प और अनोखी जानकारी भी है कि वह कहां है और कितने लोगों के लिए इस बार मतदान केंद्रों को बनाया गया है या बनाना लोकतांत्रिक अनिवार्यता भी है। छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िला मुख्यालय से करीब 115 किलोमीटर दूर शेराडांड गांव देश का सबसे मतदान केंद्र है। इस केंद्र में केवल चार मतदाताओं के लिए यह व्यवस्था की गयी है। यहां पर मतदान केंद्र नहीं बनाया जाता तो चारों वोटरों को अपने मताधिकार के मौलिक अधिकार के उपयोग के लिए सात किलोमीटर दूसरे गांव में जाना पड़ता।
आमतौर पर एक मतदान केंद्र पर औसतन एक हजार मतदाताओं के लिए एक मतदान केंद्र को बनाया जाता है। इलाके का आबादी घनत्व को देखते हुए किसी स्कूल में एक मतदान केंद्र को बनाया जाता है।
अमूमन एक मतदान केंद्र में चार या पांच कमरों को मतदान के लिए चिन्हित किया जाता है। इस तरह उस मतदान केंद्र को ढाई-तीन हजार मतदाताओं के लिए बनाया जाता है।मगर चुनाव में मतदान प्रतिशत को गतिशील रखने और वोटरों की आसानी के लिए ही एक एक कमरे को 500-600 मतदाताओं के लिए अलग-अलग कर दिया जाता है। इस तरह मतदानकर्मियों की सुविधा के साथ साथ वोटरों की आसानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है।
चुनाव आयोग की सूत्रों के अनुसार देश भर में करीब 1000 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनमे 100 से भी कम वोटर है। लगभग 5000 मतदान केंद्र ऐसे हैं जिनमे मतदाताओं की संख्या 200 या उससे भी कम नामांकित हैं। 50 वोटरों से भी कम वोटरों वाले मतदान केंद्रों की संख्या करीब 400 है। जबकि 20 से कम वोटरों के लिए चुनाव आयोग ने कोई देशभर में कुल 67 मतदान केंद्र बनाए थे। जहां पर औसतन 85% मतदान हुए थे।
कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 115 किलोमीटर दूर शेराडांड़ गांव में ऐसा ही पोलिंग बूथ है, जहां पर एक परिवार के सिर्फ तीन सदस्य और एक फायर वाचर मतदाता हैं. इसे छत्तीसगढ़ समेत देश का सबसे छोटा पोलिंग बूथ माना और बताया जा रहा है। इसबार लोकसभा चुनाव में चारों मतदाताओं द्वारा अपने मतदान का प्रयोग करने की संभावना है। यहां तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला निर्वाचन अधिकारी भोसकर विलास संदिपान के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम छत्तीसगढ़ विधानसभा क्रमांक-एक भरतपुर सोनहत के सबसे छोटे पोलिंग बूथ शेराडांड को देखने पहुंची। संदिपान ने आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर केवल चार मतदाता के लिए स्थापित इस अस्थायी पोलिंग बूथ एवं मतदान दलों के रहने की बुनियादी व्यवस्था का भी जायजा लिया गया। कलेक्टर ने शेराडांड़ गांव के इकलौते ग्रामवासी चेरवा जाति के तीनों मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया.। जिलाधिकारी इस गांव में जाकर एकल वोटर परिवार से मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ समेत देश के सबसे छोटे मतदान केंद्र को लेकर चुनाव आयोग केंद्र सरकार समेत राज्य सरकार भी काफी जानकारी ले रही है। जिला प्रशासन पर लगातार बढ़ते दवाब के कारण शेराडांड में सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। मीडिया की अतिरिक्त दिलचस्पी के कारण राज्य सरकार भी शेराडांड मतदान केंद्र को लेकर काफी संजीदा है। ।।।