बाड़मेर के दो गांवों ने बिजली-पानी की मांग को लेकर लोग आंदोलित चुनाव बहिष्कार का ऐलान पानी बिजली हॉस्पिटल रोड नहीं तो वोट नहीं ।

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अनामी शरण बबल

जयपुर। चुनावी वायदों को रेवड़ी की तरह बिना सोचे समझे करना अब पोलिटिकल दलों नेताओं और उनके प्रचारकों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। वायदे करके भूल जाना नेताओ को कितना महंगा पड़ता है इसका सबसे ज्वलंत स्थान राजस्थान बनता दिख रहा है।  राजस्थान लोकसभा चुनावी रण 2019 में हर मतदाता को मतदान बूथ तक पहुंचाने के प्रयासों के बीच बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा के दर्जनों गांव के लोगों ने चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान करके नेताओं के चेहरे पर तनाव बढ़ा दिया है। सत्ता गंवा चुकी भाजपा के नेताओं समेत सता चला रहे कांग्रेसी नेता भी इन ग्रामीणों को यह समझा बूझा नहीं पा रहे हैं कि सालों गुजर जाने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं की जरूरतों को क्यों पूरा नही किया जा सका है।  पानी बिजली रोड हॉस्पिटल स्कूल और  बिजली की लंबित पड़ी मांगों के पूरा नहीं होने पर ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन करते हुए चुनावों के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। रोड नहीं तो वोट नहीं। बाड़मेर, गंगानगर जैसलमेर के दो गांवों का यह आंदोलन धीरे धीरे आधा दर्जन जिलों के सैकड़ों गांवों में पहुंच गया है। गांवों के लोग तमाम मुद्दों पर लामबंद होने लगे हैं। नेताओ नौकरशाहों और ठेकेदारों की सांठगांठ के खिलाफ लोग आंदोलित हो रहे हैं। नो काम ने वोट को धार देते हुए पानी बिजली हॉस्पिटल रोड नहीं तो वोट नहीं। यह नारा भाजपा समेत अशोक गहलोत सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
देश के दूसरे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर के नोडियाला और समो के तला गांव के लोगों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन किया. इस दौरान दोनों गांवों के ग्रामीणों ने बैनर लहराते हुए कहा कि ‘विकास नहीं पानी बिजली हॉस्पिटल स्कूल रोड नहीं तो वोट नहीं। मतदाताओं के समक्ष ग्रामीणों ने नेताओ के सामने यह बैनर लहराना आरंभ कर दिया है कि वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें.’। लोगों का आरोप है कि आजादी के 70 साल बाद भी दोनों गांवों में न तो बिजली पहुंची है और ना ही पानी. ऐसे में चुनावों में मतदान करने का कोई मायने नहीं बनता. लिहाजा, ग्रामीणों ने चुनावों का बहिष्कार कर दिया है.। देखते ही देखते यह मुहिम चारो तरफ फैलने लगी। और सता सरकार ठेकेदारों के खिलाफ यह जनांदोलन राजस्थान में सबके चेहरे पर कालिख पोतने की तैयारी में है। 

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