अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। लाईफबॉय है जहां तंदुरुस्ती है वहां। इस एडवरटाइजमेंट के जरिए अपनी अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ओबेरॉय को लोग आज तक जानते पहचानते हैं, मगर इनके फ्लॉप बेटे विवेक ओबेरॉय आज़ तक अपनी पहचान और स्टारडम के लिए तरस रहे हैं। इसे ही कहते है उपर वाला मेहरबान तो निर्बल पहलवान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बॉयोपिक फिल्म बनने की बात चली तो देखते ही देखते प्रधानमंत्री की भूमिका के लिए सबों को विवेक ओबेरॉय का चेहरा मोहरा कद काठी हाव भाव बोली अंदाज के पैमाने पर विवेक सबकी नजर में चढ़ गए। विवेक ओबेरॉय की पलभर में किस्मत बदल गयी। गुमनामी से एकाएक वे स्टार बन गए। करोड़ों लोग इस सिनेमा को देखने के लिए बेहाल हैं। हालांकि फिल्म का प्रदर्शन तारीखों को अंतिम समय में रोक दिया गया है,मगर प्रदर्शन के साथ ही इसके बंपर् सफलता की गारंटी है। मगर विवेक ओबेरॉय की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। अक़्सर कलाकार रिलीज से पहले प्रमोशन के लिए बेहाल रहते हैं, मगर चुनावी मौसम में रूपहर्ले पर्दे पर नरेंद्र मोदी की रीयल जीवन को रील लाईफ में जीवंत करने वाले विवेक भी काफी बिजी हैं। भाजपा उनको स्टार प्रचारक बनाकर मंच पर उतारने के लिए तैयार हैं। शुक्रवार को भाजपा ने चुनाव में गुजरात के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में 40 प्रचारकों के नाम हैं। गुजरात में पार्टी ने जिनको स्टार प्रचारक बनाया है, उनमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों के नाम हैं।इस लिस्ट में भाजपा के कभी सबसे दबंग रहे लालकृष्ण आडवाणी की नाम नहीं है। जबकि फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। वे गुजरात में ढेरों जगह पर जाकर प्रचार प्रसार करेंगे।विवेक ओबेरॉय नरेंद्र मोदी की
जिंदगी पर बन रही फिल्म में उनका किरदार निभा रहे है
गुजरात के लिए जारी भाजपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, योगी आदित्यनाथ, मुख्तार अब्बास नकवी, वसुंधरा राजे सिंधिया, हेमा मालिनी, नितिन भाई पटेल, परेश रावल, विजय रुपाणी, हीरा भाई सोलंकी के साथ साथ अभिनेता विवेक ओबेरॉय के नाम शामिल हैं। भाजपा पूरे देश भर में विवेक ओबेरॉय को ले जाकर युवाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए बाकायदा काम हो रहा है। युवा संवाद सा आयोजन करके भी प्रधानमंत्री मोदी के बाबत विवेक ओबेरॉय की टिप्पणी का लाभ लेने की संभावना है। यानी मोदी जी के सहारे अपनी डूबकी नाव को किनारा लगवाने के लिए विवेक ओबेरॉय भी आतुर है। ं