भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरने के लिए राजी हो गए थे। इनको लेकर इंदौर समेत राज्य के चार संसदीय सीटों पर जोरदार चर्चा थी। तमाम खबरों और अफवाहों के बाजार को शांत करते हुए वे भोपाल से चुनावी जंग में उतरने को तैयार हो गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी में आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भोपाल से चुनाव लडने की अपनी दावेदारी को वापस ले ली थी। मोटे तौर पर दिग्विजय सिंह और भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के बीच टक्कर होने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री प्रधान काफी समय से इस सीट पर टकटकी लगाए बैठे थे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेसी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर लगातार ये कयास लग रहे थे कि आखिर वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कहा था कि पार्टी जहां से भी टिकट देगी वो वहीं से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं। हालांकि राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा थी कि दिग्विजय सिंह भोपाल या फिर इंदौर से चुनाव लड़ सकते हैं। आखिरकार सस्पेंस खत्म हो गया है और दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिग्विजय सिंह से काफी समय से नाराज थें। दिग्विजय सिंह द्वारा दिल्ली की एक टीवी एंकर से बेमेल शादी कर लेने के बाद इसकी सर्वत्र निंदा हुई थी। जिससे आलाकमान ने भी इनको उपेक्षित कर दिया था। मगर विधानसभा चुनाव में सक्रियता और अपने दमखम का पूरा जोर लगाकर सूबे में पार्टी में जान डाल दी। कमलनाथ की सरकार बनवाने में अहम भूमिका अदा की। जिससे आलाकमान की सारी नाराजगी दूर हो गयी और वे पार्टी की मुख्यधारा में आ गए। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाने और कमलनाथ सरकार को भाजपा की चाल से बचाकर सुरक्षित रखने में भी दिग्विजय सिंह की भूमिका सराहनीय रही है जिससे मुख्यमंत्री कमलनाथ भी अभिभूत हैं। लगता है कि कांग्रेस कमेटी में सांगठनिक महासचिव अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद चाणक्य की कमी महसूस हो रही थी। लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष अपने लिए दिग्विजय सिंह को फिर से ओहदा देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। ।।।