श्रीनगर / नयी दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के लिए अब तक सरकारी मेहमान की तरह रहने वाले पाक आतंकवादियों के एजेंट भारत में रहकर भी अलगावावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज़ शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने गिलानी पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन दोनों पर विदेशी धन के लेन-देन और अवैध रूप से अधिक विदेशी मुद्रा रखने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक गिलानी पर यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में की गई है। उन पर अवैध रूप से 10 हजार अमेरिकी डॉलर (करीब 6.90 लाख रुपये) रखने का आरोप है। ईडी की ओर से गिलानी के पास से 6.90 लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। इस रकम के स्त्रोत को बताने में अलगाववादी नेता विफल रहे। उल्लेखनीय है कि पर्वतन निदेशालय द्वारा जेके के अलगाववादी नेताओं पर कभी कारवाई नहीं होती थी। सरकार द्वारा इन्हें अपने एजेंट की तरह यूज किया जाता था। जिसके बदले नाना प्रकार की सुविधाएं और छूट दी जाती थी। सरकारी आवभगत में रहने वाले ये अलगाववादी नेता आतंकवादियों और सरकार के बीच की कड़ी के रूप में काम करते हैं। पुलवामा आतंकी आत्मघाती नरसंहार हमले के बाद इनकी सुविधाएं वापस ले ली गयी थी। तबसे ही ईडी इनके खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही थी। केंद्र सरकार की सख्ती के बाद ईडी ने कार्रवाई करने की योजना बनाने लगी। ऐसी ही कार्रवा यासीन मलिक पर भी की है। अलगाववादी नेता और जेकेएलएफ के पूर्व चेयरमैन यासीन मलिक के पास से भी विदेशी मुद्रा बरामद की गई है। यासीन मलिक के खिलाफ अभी कानूनी कार्रवाई की है। ईडी के रडार पर अभी कोई एक दर्जन नेता है। जिनकी लेनदेन पर निगरानी रखी जा रही है। लगता है कि केंद्र सरकार के मिजाज गरम होते ही तमाम सरकारी जांच एजेंसियां के हौसले बढ़ जाते हैं। यानी जम्मू-कश्मीर के एजेंटों पर होता दिख रहा है।। ।। ो।।। |