दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर का अनचाहा खिताब गुरुग्राम के नाम के बाद

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अनामी शरण बबल

गुरुग्राम सबसे प्रदूषित शहर घोषित होने के बाद हरकत में जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार
नयी दिल्ली /चंडीगढ़ /गुरुग्राम। हरियाणा के सबसे मॉडर्न डिजिटल सिटी और राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला शहर गुरूग्राम को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है। दिल्ली के पड़ोसी शहरों में गुरूग्राम के नाम सबसे अधिक प्रदूषित शहर होने का नया तगमा चस्पां हुआ है। हरियाणा के इस अल्ट्रा मॉडर्न मेगा डिजिटल सिटी से पहले प्रदूषित शहर का खिताब दिल्ली के नाम था। मगर तेजी से विकसित और औधोगीकरण की ओर बढते गुरूग्राम के साथ सबसे प्रदूषित शहर का अनचाहा खिताब हासिल हो गया है। जिससे राज्य सरकार हरक़त में है, और इस खिताब से शर्मसार भी।
एकाएक दुनिया भर के सभी शहरों के बीच प्रदूषित खिताब की रेस में सबसे तेजी से दौड़ लगाकर गुरुग्राम ने सबको अचंभित कर दिया। इस खिताब की घोषणा होने के साथ ही राज्य सरकार का सारा गुस्सा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों पर उतरा। विभाग के समस्त व्यवस्था जांच पड़ताल और तमाम मानकों की मासिक रिपोर्ट को तलब किया गया है। राज्य सरकार ने प्रदूषित ईकाईयों की सूची तलब की है। सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते वाली 500 इकाईयों की सूची मांगी है ‌ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने समग्र भारत के साथ बात करते हुए माना कि गुरुग्राम को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना जाना पूरे हरियाणा के लिए एक कलंक है, जिसे पूरी सख्ती के साथ शहर को इस कलंक से मुक्त कराया जाएगा। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि गुरुग्राम को दिल्ली के पड़ोस में स्थित सभी शहरों में सबके लिए उदाहरण की तरह प्रस्तुत करने का लक्ष्य और संकल्प किया गया था। मगर चाहे जिन हालातो का सामना करना हो गुरूग्राम को फिर से बेहतर और स्वस्थ्य शहर बनाकर ही दम लिया जाएगा। 
गउरऊग्जाने को दुनिया का सबसे गंदा प्रदूषित शहर घोषित होते ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरकत में आ गया है। इतना ही नहीं, इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए वह अन्य विभागों को जिम्मेदार ठहराने लग गया है। बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों ने प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर उनको विभिन्न कार्य करने का निर्देश दिया है। 

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गुरुग्राम उत्तरी के प्रमुख कुलदीप सिंह बताते है कि प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, नगर निगम, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा पुलिस आदि विभागों को पत्र लिखकप एक समय के अंदर मास्टर प्लान तैयार करने को कहा गया है। उनको बताया गया है कि उनकी ओर से प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कदम क्या क्या उठाया जाना चाहिए।  दरअसल वह कई मामलों में कार्रवाई नहीं कर रहे है। बोर्ड ने सभी विभागों को प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में सख्त कदम उठाने के बारे में भी बताया है। इस शहर को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर खासे दिलचस्पी ले रहे हैं और अपने स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग को देखेंगे। देखना है कि हरियाणा की शान गुरूग्राम का चेहरा बदलता है या चेहरा बदलने के नाम पर शहर को बेहतर बनाने वाले विभाग और उसके अधिकारियों और बाबूओं की हालत बेहतर होती है? 

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