चुनाव आयोग प्रेसर में, शाम शाम तक चुनाव तारीखों का ऐलान संभव

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 अनामी शरण बबल

नयी दिल्ली। आज शाम तक 17वीं लोकसभा  के लिए आम चुनाव की घोषणा होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने आज शाम को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया है, जिसमे चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी। 2014 में होने वाले 16वीं लोकसभा के लिए चार मार्च को ही चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया गया था। 2009 में भी मार्च माह के पहले सप्ताह में ही चुनावी तारीखों की घोषणा हो चुकी थी। 2014 में घोषित चुनावी कार्यक्रम काफी लंबा नौ दौर में कराया गया था। जिसके परिणामस्वरूप बहुमत पाने वाली  एनडीए के प्रधानमंत्री के रूप में 26 मई 2014 को नरेंद्र भाई दामोदर मोदी प्रधानमंत्री बने थे। दो जून 2019 को 16 वीं लोकसभा की समयावधि समाप्त हो जाएगी। विधिवत इससे पहले 17वीं लोकसभा की समस्त औपचारिकताएं ख़त्म होकर नयी सरकार का गठन होना जरुरी है। 
इस बार 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के हुए पुलवामा आतंकी आत्मघाती हमले के बाद देश का पूरा मानचित्र ही बदल गया था। पूरा देश शोकाकुल था और रोजाना आप रहे शहीदों के शवों के ह्रदय विदारक मार्मिक माहौल में चुनावी पारा गिर गया था। चुनावी तापमान एक दम ठंडा हो गया। तो 12 दिनों के बाद ही बालकोट सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के मुख्यालय को नेस्तनाबूद कर दिया गया है। जिसमे भारत सरकार ने करीब 250-300 आतंकियों के मारे जाते की संभावना प्रकट की। इस बदले की कार्रवाई के बाद पूरा देश बदले की भावना से मुक्त हुआ। तब नयी राष्ट्रीय भावना और देशप्रेम की ज्वार के साथ चुनावी माहौल को गरमाने की राजनीतिक पहल आरंभ हो गयी।
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटनों शिलान्यासों घोषणाओं और अनगिनत पूरे अधूरे कार्यक्रमों को नयी योजनाओं की तरह पेश करने का तांता लग गया। एक तरफ देश में मानो विकास की आंधी बहने लगी। इस पर कांग्रेस समेत ढेरों पार्टियों ने चुनाव आयोग को घेरने की पहल की। सीधे सीधे चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री को चुनावी सौगात देने और रेवड़ियों को बांटने का आरोप लगने लगा। तब कहीं जाकर चुनाव आयोग की कुंभकर्णी नींद टूटी। आमतौर पर कल सोमवार को चुनावी तारीखों के ऐलान की उम्मीद की जा रही थी,मगर एकाएक आज़ रविवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर चुनाव आयोग ने अपने आपको साफ निष्पक्ष और निर्मोही दिखाने की कोशिश आरंभ कर दी। आम चुनाव के साथ पांच राज्यों में वि चुनाव संभावित है। अब देखना है कि चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के चुनावी पिटारी से निकलने वाली तारीखों के कार्यक्रम से किस पार्टी के चेहरे पर मुस्कान आती और लाती है। ।।। 9

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