राहुल की जनसभा में पंजाब में ही सिद्धू को नहीं मिला बोलने का मौका

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अनामी शरण बबल

राहुल की रैली में सिद्धू को 

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नहीं मिला भाषण का

 मौका*
चंडीगढ़ / नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पंजाब के मोगा में एक जनसभा रैली को संबोधित किया। रैली में पंजाब के सभी प्रमुख नेता उपस्थित रहे लेकिन पूर्व क्रिकेटर  स्टार प्रचारक और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को अपने ही राज्य में आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष की रैली में मंच पर आसीन होने के बावजूद  बोलने का मौका नहीं मिला। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संकेत करने के बाद ही सिद्धू को बोलने से रोका गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सुप्रीमो सिद्धू को पहले मंच पर भी बैठाना नही चाहते थे, मगर पंजाब के कुछ नेताओं और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सलाह के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू के मंच पर आसीन होने पर आपत्ति नही की। मंच पर बैठे सिद्ध को छोड़कर अधिकांश नेताओं को बोलने के लिए बुलाया गया, पर अपनी बारी की इंतजार करते करते जनसभा रैली समाप्त हो गया। ढेरों लोगों और श्रोताओं को बोलने नहीं   देने पर हैरानी प्रकट की।‌

 इस वाकये के बाद पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नाराज बताए जा रहे हैं। सिद्धू ने भी अपनी नाराज़गी  का खुला इजहार किया। उन्होंने कहा 2004 में भी बादल की रैली में भी मुझे बोलने से रोका गया था और उसके बाद यह दूसरा मौका है जब मुझे नहीं बोलने दिया गया। सिद्धू ने कहा, ‘अगर मैं राहुल गांधी की रैली में बोलने के लिए सहीं नहीं तो एक वक्ता और प्रचारक के रूप में भी पर्याप्त नहीं हूं। यह मेरे नियंत्रण में नहीं है। लेकिन इस वाकये ने मुझे मेरी जगह दिखा दी है। सिद्ध ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी क्या केवल किताबी बातें है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान या पुलवामा आतंकी हमले पर मैने गलत क्या कहा है, पर लोग इसे गलत ढंग से ले या पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कौन लोग प्रचार करेंगे।’ रैली में राहुल गांधी के अलावा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी प्रदेश मुखिया सुनील जाखड़ भी मौजूद रहे। जब कांग्रेस से इस बारे में सवाल किया गया तो सुनील जाखड़ ने कहा कि सिद्धू को बोलने वालों में होना चाहिए था क्योंकि वो हमारे स्टार प्रचारक हैं। और उनका नही बोलने देना ग़लत है। वे एक स्टार प्रचारक है, और बहुत सारे लोग केवल उनको देखने सुनने के लिए ही आते हैं। देखना यह भी दिलचस्प होगा कि वाचाल सिद्धू को जबरन रोकने का अंजाम क्या होगा?

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