अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली/ जम्मू। चुनाव को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। भारत पाक सीमा पर तनाव और पुलवामा के बाद बालकोट की घटनाओं से युद्ध का तापमान चरम पर है। दो जून 2019 को 16 वीं लोकसभा का समय समाप्त हो रहा है। विधिवत समयानुसार इससे पहले 17वीं लोकसभा का गठन होना जरूरी है। जिसके लिए 10 मार्च तक चुनाव आयोग को चुनाव तारीखों का ऐलान करना संवैधानिक बाध्यता है। मगर सीमा पर रोजाना बढते तनाव और गोली बारी और शहादत की घटनाओं स्क देश का मौसम चुनावी रंग नहीं ले पा रहा है। इसके बावजूद पिछले दो सप्ताह से ठंडा पड़ा चुनावी तापमान एक बार फिर गरमाने लगा है चुनाव आयोग भी देश की चुनावी व्यवस्था की समीक्षा में जुट गयी है। और चुनाव आयोग भी टीम देश के सबसे अशांत राज्य जम्मू कश्मीर के ताजा हालात की समीक्षा में जुटी है। और यहां के सभी नेताओं के इस मांग पर गंभीर है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना संभव है?
सभी दलों ने सोमवार को चुनाव आयोग से राज्य के विधानसभा चुनाव आगामी लोकसभा चुनावों के साथ ही कराने की मांग की। मुख्यधारा की अधिकांश राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में राज्य की चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए चुनाव आयोग के दल के समक्ष यह मांग रखी।.
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर की अधिकांश राजनीतिक दलों ने सोमवार को चुनाव आयोग से राज्य के विधानसभा चुनाव आगामी लोकसभा चुनावों के साथ कराने की मांग को पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किया। अधिकांश राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में राज्य की चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए चुनाव आयोग के दल के समक्ष यह मांग की। आयोग की टीम राज्य के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को यहां पहुंची।. पुलिस प्रशासन मानवाधिकार संगठनों के बाद पुलिस से पिछले तीन माह के अपराध का आंकडों का भी आकलन किया। राज्य के राज्यपाल सतपाल मलिक से भी मिलकर चुनाव आयोग ने पूरे राज्य सीमा-पार की हिंसा घुसपैठ आदि का जायजा लिया।।।