बालकोट हमले का सबसे बड़ा सबूत कि हमले से पहले 300 मोबाइल सक्रिय थे

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नटीआरओ ने दिया एयर  स्ट्राइक का सबसे बड़ा सबूत, हमले से पहले बालाकोट में मिले थे 300 सक्रिय मोबाइल फोन #

नयी दिल्ली।‌ पुलवामा आतंकी आत्मघाती ह के खिलाफ पूरे देश में व्याप्त असंतोष और बदले की भावना को सरअंजाम  देते हुए भारतीय   भारत वायु सेना  ने बालाकोट में एयर स्ट्राइवार करते पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। भारतीय तकनीकी  अनुसंधान  (एनटीआरओ) ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा पाकिस्तान के पख्तूनख्वाह प्रांत में स्थित बालकोट में बने जैश के कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक का सबसे बड़ा सबूत पेश किया है। एनटीआरओ द्वारा बताया गया कि 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर हमला करने से ठीक पहले भारतीय खुफिया द्वारा तकनीकी निगरानी एजेंसियों को 300 मोबाइल फोन सक्रिय मिले थे, जो वहां मौजूद कुल आतंकियों की संख्या का स्पष्ट संकेत देते हैं। हमले के बाद घर खंडहर से लेकर मोबाइल के एक्टिव नेटवर्क सब लापता से हो गए थे।
जानकारों  के अनुसार भारतीय वायु सेना को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में शिविर को निशाना बनाने के लिए मंजूरी दी गयी । एयर सर्जिकल नंबर टू के बाद वहां की निगरानी शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी को, 12 मिराज 2000 आईएएफ जेट्स ने पाकिस्तानी के वायुक्षेत्र में प्रवेश किया और बालाकोट में शिविर में एक हजार  किलोग्राम स्पाइस 2000 बम गिराए गए थे े।

उस दौरान तकनीकी निगरानी में सामने आया था कि स्ट्राइक से पहले बालाकोट में घ्वस्त किए गए आतंकियों के ठिकानों पर करीब 300 मोबाइल फोन सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। ऐसे में सेना ने हमला कर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों की कोई आधिकारिक संख्या सरकार द्वारा घोषित नहीं की गई है। इस तकनीकी सबूत के बावजूद विपक्षी दलों के निशाने पर केंद्र सरकार और सेना का ऑपरेशन है। जिससे एयर सर्जिकल स्ट्राइक का संस्पेंशन बना रहेगा।।।।

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