अवमानना मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक दोषी करार,
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होमर बलात्कार कांड में कोर्ट की अवमानना झेल रहे सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी सजा दी है।। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नागेश्वर राव के माफीनामे को नामंजूर कर दिया। मुख्य न्यायाधीश ने नागेश्वर राव पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, इसके साथ ही जब तक आज़ कोर्ट की कार्यवाही चलेगी तब तक नागेश्वर राव और दूसरे अधिकारी को कॉर्नर में ही बैठे रहना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की जांच टीम में किसी तरह का कोई बदलाव भविष्य में भी नहीं होगा। अरुण शर्मा ही इस जांच टीम की अगुवाई करेंगे। नागेश्वर राव के अलावा एक और अधिकारी पर भी एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। श्री रंजन गोगोई की सख्त टिप्पणियों के बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अगर आप नागेश्वर राव को कोई सजा सुनाते हैं, तो उनका करियर खराब हो सकता है। वह पिछले 32 साल से काम कर रहे हैं।
सीजेआई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप ऐसा कैसे सोच सकते हैं कि लीगल एडवाइस अप्रूवल के बाद मिला। DoPT ने इस ऑर्डर को दिया जो कि नागेश्वर राव के साइन के बाद ही तय हुआ था। चीफ जस्टिस ने कहा कि लीगल एडवाइस यही थी कि सुप्रीम कोर्ट को मामले की जानकारी दी जाए। सुप्रीम फटकार और फैसले के बाद सीबीआई अधिकाियों ने सिर नवाकर इसे मंजूर करते हुए भविष्य में फिर इस तरहां की अवमानना नहीं करने की वचनबद्धता को दोहराया। इनकी विनम्रता को कोर्ट ने मंजूरी दी। और इस तरह नागेश्वर राव पर अवमानना की सजा शाम को समाप्त हो जाएगा। ।।