सीबीआई का सस्पेंस / अनामी शरण बबल

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सांसत में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा

नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई का सस्पेंस लगातार गहराता जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की टेबल पर इस मामले की हर सुनवाई के साथ सीबीआई का सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में कल दाखिल सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की सीलबंद जवाब की रिपोर्ट लिक हो जाने से मुख्य न्यायाधीश खासे नाराज हैं इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी। मगर निदेशक आलोक वर्मा के वकील की याचिका पर नरम रूख अपनाते हुए कोर्ट ने दोपहर को अगली डेट की बजाय आज ही सारे सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई के बाद सीबीआई मामले की  सुनवाई आज ही करेगी। सीबीआई के सस्पेंस पर कोर्ट हैरानी है। इस खेल के पीछे कौन- कौन लोग सक्रिय है, इसको जानने के लिए भी कोर्ट पूरे मामले को नये सिरे से देख रही है। कोर्ट के राडार पर कुछ नौकरशाह से लेकर ताकतव भी  हैं।

 नंबर टु राकेश अस्थाना की छटपटाहट 

सुप्रीम कोर्ट समेत सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि सरकार द्वारा जबरन छुट्टी पर भेजने को चुनौती देने का मामला उनके ही गले का फांस बन जाएगा।  सीबीआई के निदेशक और नंबर टू के बीच मतभेद चल रहे थे। सीबीआई के नंबर टू निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा निदेशक वर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था दोनों के बीच मतभेद इतना गहरा गया है कि केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पडा। और सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सामने आना पड़ा। डोभाल की सलाह पर निदेशक आलोक वर्मा छुट्टी पर जाने के सरकारी आदेश के साथ रात में घर चले गये। और रातो रात सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस नागेश्वर राय को सीबीआई का निदेशक बना दिया गया। अगले दिन सुबह ही निदेशक आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर जबरन छुट्टी पर भेजने के खिलाफ चुनौती दे दी। कोर्ट ने सीबीआई मामले की जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग को 15 दिन का समय दिया। कई तारीखों के बाद आज इसकी सुनवाई तय थी मगर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन को दी गयी रिपोर्ट का लिक होना अवमानना का प्रसंग बन जाता है।  सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद नंबर टू राकेश अस्थाना की बौखलाहट है। कई मामलों में अस्थाना आरोपित है। और सीबीआई में लंबित चल रहे कुछेक मामलों पर प्रेशर डालने की तरह देखा जा रहा है।  यानी पूरा प्रसंग एकदम नाटकीय रोमांचक अचंभित और रहस्यमय होता दिख रहा है। सीबीआई के सस्पेंस एक थ्रिलर फिल्म की तरह हो गयी है। जिसमें ज्यादातर वे ही लोग शक के दायरे में घिरे दिख रहे हैं।

  कौन है इस खेल के पीछे            

                   इस मामले में आज एक और नाटकीय परिवर्तन देखने को मिला। जब सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील की याचिका को स्वीकारते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज के तमाम सूचीबद्ध मामले की सुनवाई के बाद आज ही इस मामले की भी सुनवाई होगी

 सुप्रीम कोर्ट ने पहले इसी मामले की सुनवाई 29 नवम्बर तक के लिए टाल दिया था। अब देखना यही है कि आज सारे काम निपटाने के बाद सीबीआई की पारी का समय कब आता है?

      

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