नई दिल्लीः हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की किसान क्रांति यात्रा ने आज हिंसक रूप ले लिया। दिल्ली की सीमा पर रोके जाने का विरोध करते हुए किसानों ने यूपी गेट पर कब्जा कर लिया और ‘जय जवान जय किसान’ के नारे के साथ-साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए आक्रामक तेवर दिखाए।
इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने निवास पर किसान नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। बैठक के बाद शेखावत ने बताया कि किसानों की ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि अब किसानों के जनप्रतिनिधियों से इस बारे में चर्चा करेंगे। वहीं शेखावत ने कहा कि किसानों की ज्यादातर मांगे मान ली गई हैं इनमें से एक 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए एनजीटी के फैसले पर सरकार जल्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। राजनाथ ने भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की।
ये मांग कर रहे किसान
- 60 साल की उम्र के बाद किसानों को मिले पेंशन।
- पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव की मांग।
- गन्ना की कीमतों का जल्द भुगतान।
- किसानों की कर्जमाफी की मांग।
- सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त।
- किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन।
- स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की भी आय तय हो।
- गन्ने की कीमतों के भुगतान में देरी पर ब्याज देने की मांग।
- 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस लेने की मांग।
बता दें कि किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड्स पर ट्रैक्टर ट्रॉली चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते वे ऐसा नहीं कर पाए। दूसरी ओर, पुलिस ने दमकल वाहन को सीमा पर सड़क के बीचोंबीच लगाने का प्रयास किया तो किसानों ने उसे पीछे करने के लिए विवश कर दिया।
इस बीच, किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं हैं जो उन्हें अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जाने से रोका जा रहा है। उनका आंदोलन हिंसक भी नहीं है। किसानों के बड़ी संख्या में डाबर पर पहुंचने के साथ महाराजपुर एवं यूपी गेट तथा आसपास के तमाम रास्ते बंद कर दिए गए। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए आरपीएफ और दूसरे अर्धसैन्य बलों को बुलाया गया है।