सबको खामोश कर देने वाले अभिनेता और अटल युग में मंत्री रह चुके बिहारी बाबू को इसबार बे भाव रखा गया। नये निजाम के राज में खामोश बिहारी बाबू आज सबसे बड़े संकट बन गए हैं। शुरूआत में तो सांकेतिक विरोध किया मगर तमाम विपक्षी दलों की दिलचस्पी और मित्रता ने खामोश बगावत की धार में नयी ऊर्जा भर दी। इनके साथ सपा नरेश अखिलेश से लेकर सुशासन बाबू और लालटेन के युवा क्रिकेटर नेता भी साथ लेने और पाने के लिए आतुर हैं। कोई इनको दिल्ली से तो कोई बनारस से प्रत्याशी बनाने की योजना बना रहे हैं। सब की सहमति और समर्थन के बाद बिहारी बाबू के दांव-पेंच पर सबकी निगाहें लगी है। देखे खामोश सिन्हा की अंततः फाइनल गर्जना क्या होगी?
