हसीना फैसले से पहले बांग्लादेश में हिंसा, ढाका में धमाके और गोली चलाने के आदेश
आईसीटी के अहम फैसले से पहले देशभर में हिंसा भड़की; यूनुस सरकार ने सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट और गोली चलाने के आदेश दिए
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ढाका सहित कई शहरों में देसी बम धमाके और वाहनों में आगजनी
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शेख हसीना को मानवता विरोधी अपराध मामले में सजा का सामना
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पूर्व पीएम ने सोशल मीडिया पर समर्थकों से विरोध जारी रखने की अपील
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पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश
समग्र समाचार सेवा
ढाका, बांग्लादेश | 17 नवंबर: बांग्लादेश इस समय गहरी अस्थिरता और हिंसा के दौर से गुजर रहा है। राजधानी ढाका समेत कई बड़े शहरों में लगातार धमाके, आगजनी और उपद्रव की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। यह उथल-पुथल ऐसे वक्त में हो रही है जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में अहम फैसला सुनाने वाला है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें मौत की सजा तक हो सकती है।
अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार ने देशभर में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा है और हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश दिए हैं। फैसले से पहले शेख हसीना ने रविवार देर रात सोशल मीडिया पर एक ऑडियो संदेश जारी कर समर्थकों से सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अपील की। 78 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वे “लोगों के लिए लड़ाई जारी रखेंगी” और किसी भी साजिश से डरने वाली नहीं हैं।
हसीना पर आरोप है कि पिछले साल छात्र प्रदर्शनों के दौरान की गई कार्रवाई में उन्होंने मानवता के खिलाफ अपराध किए। हालांकि, अगस्त 2024 से भारत में निर्वासन में रह रहीं हसीना इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करती रही हैं। उनका कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह की गोली चलाने या हिंसा का आदेश नहीं दिया, बल्कि हिंसा की असली साजिश यूनुस समर्थित सुरक्षाबलों ने रची थी।
ढाका में हाल के दिनों में कई देसी बम विस्फोट हुए हैं। रविवार रात अंतरिम सरकारी सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के आवास के बाहर दो देसी बम फटे, जबकि कारवां बाजार इलाके में भी एक विस्फोट की घटना हुई। इसके अलावा, एक पुलिस स्टेशन परिसर में खड़ी बसों और कचरा डंपिंग साइट पर आगजनी की गई। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्नर एसएम सजात अली ने सुरक्षाबलों को हिंसक भीड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
स्थिति को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि हसीना के खिलाफ फैसला आते ही देश में राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ सकती है।