मैंने 8 जंग खत्म कराईं, नोबेल दो नहीं तो अमेरिका का अपमान होगा – ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने नोबेल शांति पुरस्कार से वंचित होने पर राष्ट्र के अपमान की चेतावनी दी

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  • ट्रंप बोले– आठ संघर्ष सुलझाने के बावजूद नोबेल नहीं मिलेगा।
  • गाजा संघर्ष थमा तो होगी उनकी आठवीं ऐतिहासिक उपलब्धि।
  • सात देशों ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया।
  • ओबामा के नोबेल पुरस्कार को लेकर फिर जताई असहमति।

समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 1 अक्टूबर:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें यह सम्मान नहीं दिया गया तो यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे अमेरिका के लिए अपमान की स्थिति होगी। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब इस वर्ष के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 10 अक्टूबर को होनी है।

ट्रंप ने वर्जीनिया के क्वांटिको सैन्य मुख्यालय में अधिकारियों से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने अब तक सात बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सफलतापूर्वक समाप्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर गाजा संघर्ष थम गया, तो यह उनकी आठवीं ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर जोर देते हुए कहा, “सोचिए, आठ संघर्षों को आठ महीनों में खत्म करना कोई मामूली काम नहीं है। फिर भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। यह सम्मान किसी ऐसे व्यक्ति को मिल जाएगा जिसने असल में कोई काम नहीं किया या फिर किसी लेखक को, जो मेरी मेहनत पर किताब लिखकर उसे बेच दे।”

ट्रंप ने कहा कि उनका यह मुद्दा व्यक्तिगत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नोबेल न मिलना अमेरिका के लिए अपमान जैसा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुरस्कार उन्हें नहीं बल्कि अमेरिका को मिलना चाहिए, क्योंकि ऐसी उपलब्धि विश्व स्तर पर दुर्लभ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक सात देशों ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। इनमें पाकिस्तान, इज़राइल, अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, रवांडा और गैबॉन शामिल हैं।  ट्रंप का यह बयान पिछले साल 2024 में दिए गए उनके बयान को दोहराता है। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर उनका नाम ओबामा होता तो उन्हें तुरंत नोबेल मिल जाता। उन्होंने ओबामा को बिना किसी खास उपलब्धि के यह सम्मान मिलने की तुलना अपनी मेहनत से की।

राष्ट्रपति ने गाजा संघर्ष के हल होने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी अरब और मुस्लिम देशों ने सहमति दी है और इज़राइल भी इस पर राजी है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास मानता नहीं है तो उनके लिए हालात कठिन हो सकते हैं।

ट्रंप का यह बयान राजनीतिक और वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन सकता है, क्योंकि उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार के महत्व को सीधे अमेरिका की प्रतिष्ठा से जोड़ा है।

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