महिला पत्रकार से कांग्रेस MLA की विवादित टिप्पणी
'जब तुम डिलीवर करोगी, मैं आ जाऊंगा' कहकर फंसे आरवी देशपांडे
- कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आरवी देशपांडे ने एक महिला पत्रकार से बातचीत के दौरान एक आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
- पत्रकार के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जब तुम डिलीवर करोगी, मैं आ जाऊंगा।”
- इस बयान के बाद चौतरफा आलोचना होने पर विधायक ने माफी मांगी है, लेकिन यह घटना राजनीतिक मर्यादा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 03 सितंबर 2025: कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधायक आरवी देशपांडे एक महिला पत्रकार से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मुश्किल में फंस गए हैं। इस घटना ने न केवल कर्नाटक में बल्कि देश भर में महिलाओं के प्रति राजनीतिक नेताओं के रवैये पर एक नई बहस छेड़ दी है।
यह घटना बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई। एक महिला पत्रकार ने आरवी देशपांडे से एक सवाल पूछा, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “जब तुम डिलीवर करोगी, मैं आ जाऊंगा।” इस टिप्पणी से न केवल पत्रकार बल्कि वहां मौजूद सभी लोग हतप्रभ रह गए। यह बयान तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने विधायक की कड़ी आलोचना की।
विधायक ने मांगी माफी, लेकिन विवाद बरकरार
इस बयान के बाद जब चारों तरफ से देशपांडे की आलोचना होने लगी, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर माफी मांगी। उन्होंने अपने बयान में कहा, “आज सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार से की गई मेरी टिप्पणी अनुचित थी। मैं अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था।
हालांकि, माफी के बाद भी विवाद थमा नहीं है। विपक्षी दलों और महिला अधिकार संगठनों ने देशपांडे के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस घटना को लेकर कर्नाटक कांग्रेस भी बचाव की मुद्रा में है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी इस मामले को गंभीरता से लेगी और विधायक को भविष्य में ऐसे बयानों से बचने की सलाह देगी।
राजनीतिक मर्यादाओं पर उठे गंभीर सवाल
यह घटना कोई अकेली नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय राजनीति में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां नेताओं ने महिलाओं के प्रति अपमानजनक या आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इस तरह के बयान न केवल राजनीतिक मर्यादाओं को गिराते हैं, बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान को भी ठेस पहुंचाते हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि सार्वजनिक जीवन में बैठे कुछ नेताओं के लिए महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना अभी भी एक चुनौती है।
महिला पत्रकार ने भी इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कहा है कि पत्रकारों को सवाल पूछने का अधिकार है और नेताओं को उनका सम्मान करना चाहिए।