सेना प्रमुख को मिली प्रादेशिक सेना की तैनाती का अधिकार, सैन्य तैयारियों को मिलेगा बल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

नई दिल्ली 9 मई : भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा और रणनीतिक कदम उठाया है। अब सेना प्रमुख को यह अधिकार दिया गया है कि वे प्रादेशिक सेना (Territorial Army) के हर अफसर और सैनिक को जरूरत के मुताबिक तैनात कर सकें, ताकि नियमित सेना की क्षमता को मजबूती दी जा सके। रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने 6 मई को इस आशय की अधिसूचना जारी की। यह आदेश 10 फरवरी 2025 से प्रभावी होकर 9 फरवरी 2028 तक लागू रहेगा, यानी अगले तीन वर्षों तक सेना प्रमुख के पास यह विशेष अधिकार रहेगा।

प्रादेशिक सेना, जिसे 9 अक्टूबर 1949 को स्थापित किया गया था, ने पिछले साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाई थी। यह बल न केवल युद्धकाल में बल्कि आपदा राहत, पर्यावरण सुरक्षा और मानवीय सहायता जैसे कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। टीए के जवानों को उनकी सेवा और बहादुरी के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

सरकार की नई अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा 32 टीए इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 को देश के विभिन्न सैन्य कमानों में तैनात किया जाएगा। इनमें साउथर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड, अंडमान और निकोबार कमांड तथा आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) शामिल हैं।

हालांकि, तैनाती बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अगर रक्षा मंत्रालय के बजट में इसके लिए राशि उपलब्ध नहीं होगी तो आंतरिक बचत से इसकी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, जिन यूनिट्स को रक्षा मंत्रालय के अलावा किसी अन्य मंत्रालय की मांग पर तैनात किया जाएगा, उसका खर्च संबंधित मंत्रालय ही उठाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूती मिलेगी, खासकर मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में जब सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। प्रादेशिक सेना की तैनाती से सेना को अतिरिक्त मानव संसाधन और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा, जिससे संकट की घड़ी में तेजी से कार्रवाई संभव हो सकेगी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.