पूनम शर्मा
नई दिल्ली 9 मई : पाकिस्तान का पहला हमला, दूसरा वार, और भारत की अडिग मशीनरी – यही वह समीकरण है जो दक्षिण एशिया के परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच हमेशा बना रहता है। अगर पाकिस्तान ने पहली स्ट्राइक की, तो क्या भारत सिर्फ देखता रहेगा? या फिर जवाब इतना निर्णायक होगा कि कहानी वहीं खत्म हो जाएगी? यही वह सवाल है जो आज हर भारतीय और सुरक्षा विशेषज्ञ के दिमाग में घूम रहा है।
आज दुनिया मल्टी-लेयर डिफेंस और मल्टी-टारगेट स्ट्राइक की रणनीतियों में उलझी हुई है। जब एक देश एक साथ कई फ्रंट पर लड़ाई लड़ता है, तो उसके दुश्मन के पास जवाब देने का मौका तक नहीं बचता। भारत ने भी अपनी सैन्य शक्ति को इसी सिद्धांत पर तैयार किया है। हमारे पास 86 तरह के डिफेंस लेयर हैं, जो हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं। वहीं पाकिस्तान अब भी पुराने तरीकों और सीमित संसाधनों पर निर्भर है।
अगर पाकिस्तान पहला हमला करता है, तो उसके पास दूसरा वार करने का मौका नहीं रहेगा। क्योंकि भारत की रणनीति साफ है – “पहला झटका झेलो, लेकिन दूसरा मौका मत दो।” भारत की मशीनरी इतनी मजबूत और तेज है कि वह जवाबी हमला तुरंत करेगी, और यह हमला सीधा और अंतिम होगा। पाकिस्तान के पास न बचने का मौका रहेगा, न पलटवार करने की ताकत।
आज भारत सिर्फ अपने देश के लिए नहीं, बल्कि यूनिवर्स, रूस और चीन जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच अपनी जगह बना रहा है। हम सिर्फ युद्ध नहीं लड़ रहे, बल्कि जियोपॉलिटिक्स और स्ट्रैटेजिक लैंडस्केप में भी अपना दबदबा कायम कर रहे हैं। भारत के पास 32 लाख सैनिक, अत्याधुनिक मिसाइलें, और 7,05,000 वर्ग किलोमीटर की एयरफोर्स ऑपरेशन रेंज है। हर महीने औसतन हजारों घंटे की उड़ानें, ड्रिल, और मिशन होते हैं – ताकि एक भी गलती न हो।
जब बात परमाणु शक्ति की आती है, तो भारत ने हमेशा “नो फर्स्ट यूज” की नीति अपनाई है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि अगर पाकिस्तान पहला हमला करता है, तो भारत हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा। नहीं, भारत का जवाब इतना जबरदस्त होगा कि पाकिस्तान की जमीन पर बचा कुछ नहीं मिलेगा। “भारत का काउंटर स्ट्राइक – सीधा और फाइनल”, यही हमारा संदेश है।
आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, उसकी सैन्य क्षमता और उसकी राजनीतिक स्थिरता सवालों के घेरे में है। दूसरी ओर भारत हर दिन आगे बढ़ रहा है – टेक्नोलॉजी, रक्षा, स्पेस मिशन और ग्लोबल पॉलिटिक्स में। यही वजह है कि पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का जवाब सिर्फ सेना नहीं देगी, बल्कि पूरी व्यवस्था – राजनीतिक, कूटनीतिक और रणनीतिक – एकजुट होकर देगी।
भारत की नई पीढ़ी, “स्टारबॉय गेराज”, 2008 के युद्ध मॉडल, और करंट टेम्परेचर की समझ के साथ आगे बढ़ रही है। हम जानते हैं कि आज की लड़ाई सिर्फ जमीन या एयरस्पेस तक सीमित नहीं है। ये लड़ाई डिजिटल वॉरफेयर, साइबर अटैक और इन्फॉर्मेशन डोमिनेशन की भी है। पाकिस्तान अगर सोच रहा है कि एक मिसाइल फायर कर देने से भारत घुटनों पर आ जाएगा, तो वह भूल में है।
भारत के पास मल्टी-टारगेट सिस्टम है, जो एक साथ कई दुश्मनों को निशाना बना सकता है। हमारे पास AI-आधारित मिसाइल गाइडेंस सिस्टम हैं, जो टारगेट को कभी नहीं चूकते। अगर पाकिस्तान ने हमला किया, तो उसे खुद नहीं पता चलेगा कि कहां से जवाब आया और कब सब खत्म हो गया।
आज भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक “मशीन” है – जो हर सेक्टर, हर लेवल पर ऑटोमेटेड और एक्शन रेडी है। हम बिना कोई अनावश्यक दबाव बनाए, बिना उकसावे के, शांति से ताकतवर बने रहने की नीति पर चलते हैं। लेकिन अगर कोई हमारी सीमाओं को लांघेगा, तो हमारी चुप्पी सबसे घातक हथियार बन जाएगी।
पाकिस्तान को समझना चाहिए कि भारत अब 1947 या 1965 वाला देश नहीं है। आज का भारत डिजिटल, स्मार्ट, और एडवांस्ड वारफेयर का देश है। हम युद्ध को जीतने के लिए नहीं, बल्कि दुश्मन की कहानी खत्म करने के लिए लड़ते हैं। “दूसरा मौका नहीं मिलेगा” – यही भारतीय रणनीति का मूल मंत्र है।
दुनिया देख रही है कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि आक्रामक सुरक्षा नीति अपना रहा है। यही वजह है कि भारत हर मोर्चे पर आगे है – चाहे वो जमीनी लड़ाई हो, एयरस्पेस हो या डिजिटल वर्ल्ड। पाकिस्तान को अब तय करना है कि वह पुराने ख्वाब देखता रहेगा या हकीकत को मानेगा।
आज भारत की आवाज, उसकी शक्ति और उसकी नीति पूरी दुनिया में गूंज रही है। और यही कारण है कि पाकिस्तान जैसा देश भारत से सीधे टकराने की हिम्मत नहीं जुटा सकता। क्योंकि भारत का हर जवाब अंतिम होता है।