मोदी कैबिनेट 3.0 के सबसे यंग मंत्री होंगे राममोहन नायडू, संसद रत्न पुरस्कार से हो चुके है सम्मानित

 केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू पैटरनिटी लीव, पीरियड्स और सैनिटरी पैड से GST हटाने पर चला चुके हैं अभियान

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट 3.0 में सबसे कम उम्र के केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु बनेंगे. 36 साल के राममोहन नायडू तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नए चुने गए सांसद हैं. राममोहन नायडू किंजरापु ने लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है. उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के तिलक पेराडा को 3.2 लाख वोटों के अंतर से हराया.

राममोहन नायडू अपने पिता, वरिष्ठ टीडीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री येरन नायडू की विरासत को जारी रखने के लिए तैयार हैं. येरन नायडू को’येर्रान्ना’ के नाम से जाना जाता था. वह भी 1996 में 39 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे. उन्होंने 1996-1998 तक संयुक्त मोर्चा सरकार में गौड़ा और आईके गुजराल के मंत्रिमंडल में कार्य किया था. दिवंगत नेता का साल 2012 में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था, वह चार बार संसद सदस्य थे और उन्होंने लोकसभा में टीडीपी के संसदीय नेता के रूप में कार्य किया था.

2012 में राजनीति में प्रवेश करने वाले राममोहन नायडू अपने पिता की तरह टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू के सबसे वफादार लोगों में माने जाते हैं. उन्होंने चंद्रबाबू के नेतृत्व वाली पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया.

श्रीकाकुलम सांसद राममोहन नायडू एमबीए ग्रेजुएट हैं और उनके पास अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा आरके पुरम के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की.

राममोहन नायडू ने 26 साल की उम्र में 2014 में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में धूम मचाई थी. वह निवर्तमान लोकसभा में टीडीपी के फ्लोर लीडर थे.

अपने संसदीय कर्तव्यों के अलावा, राममोहन नायडू ने कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति के सदस्य का पद भी संभाला है. इसके अलावा, उन्होंने 16वीं लोकसभा में रेलवे और गृह मामलों की स्थायी समितियों, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की सलाहकार समिति, अन्य पिछड़ा वर्गों के कल्याण संबंधी समिति और राजभाषा विभाग के सदस्य के रूप में कार्य किया.

एक सांसद के रूप में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए उन्हें 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. अपनी पत्नी की गर्भावस्था के लिए 2021 के बजट सत्र के दौरान पितृत्व अवकाश लेने के उनके निर्णय ने लैंगिक अधिकारों और शिक्षा पर स्वस्थ चर्चा को जन्म दिया. वह संसद में मासिक धर्म स्वास्थ्य शिक्षा और यौन शिक्षा की वकालत करने वाले पहले सांसदों में से एक हैं. उन्होंने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया है.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.