क्या करण भूषण बचा पाएंगे कैसरगंज सीट… या विपक्ष को मिल गया मौका?

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ,09मई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अयोध्या के पड़ोस की कैसरगंज लोकसभा सीट पर भाजपा ने इस बार कैसरगंज से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट करके उनके सबसे छोटे बेटे करण भूषण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. करण भूषण पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, वो भी अपने पिता के नाम पर.

यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से भाजपा 75 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी पांच सीटों पर NDA ने अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दिया है. भाजपा ने लास्ट मोमेंट में नामांकन दाखिल करने के ठीक एक दिन पहले 2 मई को रायबरेली के साथ-साथ कैसरगंज के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की.

कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है.

बृजभूषण पर लगा यौन शोषण का आरोप
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख 67 वर्षीय बृज भूषण पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्हें फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

बृजभूषण शरण सिंह एक मजबूत ठाकुर नेता
बृज भूषण शरण सिंह छह बार सांसद रह चुके हैं, जिसमें से पांच बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. एक बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद रहे हैं. बृजभूषण को एक मजबूत ठाकुर नेता के रूप में जाना जाता है, जिनका पूर्वी यूपी में बड़ा प्रभाव है. वह 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों से सक्रिय रूप से जुड़े हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, फार्मेसी, शिक्षा, कानून और अन्य संस्थान शामिल हैं, जो बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और श्रावस्ती जिलों में स्थित हैं.

बेटे के प्रचार में नहीं ले रहे भाग
अबकी बार के लोकसभा चुनाव में पहलवानों के आरोप लगाने भाजपा ने उनका टिकट काटकरके उनके सबसे छोटे बेटे को कैसरगंज से उम्मीदवार बनाया है. इसलिए बृजभूषण ने खुद को प्रचार से दूर रखते हुए लो-प्रोफाइल रखा है.

नामांकन में भी नहीं हुए शामिल
करण भूषण सिंह ने 3 मई को जब अपना नामांकन दाखिल करने के लिए गोंडा गए तो बृजभूषण शरण सिंह बेटे के नामांकन जुलूस में नहीं शामिल हुए. हालांकि, अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए बाद में बेटे के लिए एक बड़ी रैली की, जिसमें यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हुए.

पर्दे के पीछे से कर रहे बेटे की मदद
भाजपा के लोकल नेताओं के मुताबिक, बृजभूषण पहले भी सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करते रहे हैं, लेकिन करण भूषण की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से वह गोंडा में अपने घर पर डेरा डालकर पर्दे के पीछे से अपने बेटे के प्रचार अभियान को मैनेज कर रहे हैं.

प्रचार में करण मांगते हैं पिता के नाम पर वोट
करण भूषण यूपी कुश्ती महासंघ के प्रमुख हैं, जो कुश्ती और निशानेबाजी में अपने पिता की रुचि साझा करते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने पिता के बारे में जिक्र करना नहीं भूलते हैं. चुनावी रैलियों में करण अक्सर बृजभूषण के बारे में चर्चा करते सुने जाते हैं.

कैसरगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं जो गोंडा और बहराइच जिलों में फैली हुई हैं.

कैसरगंज में 30 फीसदी ब्राह्मण मतदाता
कैसरगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत सबसे अधिक वोट ब्राह्मण समुदाय का है, जिसकी आबादी लगभग 30% है, जबकि 20% ठाकुर, 10% कुर्मी (ओबीसी), 10% दलित और 15% मुसलमान हैं.

2019 में बृजभूषण ने BSP के चंद्रदेव यादव को हराया
सपा ने इस सीट से कांग्रेस के पूर्व नेता राम भगत मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि बसपा ने स्थानीय व्यवसायी नीरज पांडे को मैदान में उतारा है. 2019 के चुनाव में बृजभूषण ने बसपा के चंद्रदेव राम यादव को 2.61 लाख से अधिक वोटों से हराया था.

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