लोकसभा चुनाव के बीच BJP चीफ जेपी नड्डा, अमित मालवीय और विजयेंद्र के खिलाफ FIR, कांग्रेस ने की शिकायत

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,06मई। लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, IT सेल प्रमुख अमित मालवीय और कर्नाटक ईकाई के प्रमुख बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी नेताओं के खिलाफ यह FIR एक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में दर्ज की गई है. न्यूज एजेंसी PTI ने पुलिस के हवाल से बताया कि इन नेताओं पर एक विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को कथित तौर पर डराने-धमकाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए निर्वाचन आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि BJP नेताओं पर जन प्रतिनिधि कानून की धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा को बढ़ावा देने वाला बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

KPCC ने दर्ज कराई शिकायत
KPCC ने शिकायत में कर्नाटक प्रदेश BJP के आधिकारिक अकाउंट से पोस्ट एक वीडियो का हवाला दिया. उसने आरोप लगाया कि इस अकाउंट का संचालन BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के निर्देश पर पार्टी के IT प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं.

कांग्रेस का क्या है आरोप?
कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए उस वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं. वीडियो क्लिप में SC, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे ‘अंडों’ के तौर पर दिखाया गया है. साथ ही इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है.’ उसने कहा, ‘इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजों को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देते हैं.’

केपीसीसी का क्या है आरोप?
केपीसीसी ने शिकायत की है कि आरोपियों का कृत्य जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना है तथा एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को डराना-धमकाना और इस समुदाय के सदस्यों के खिलाफ वैमनस्य पैदा करना है.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.