न फास्टैग-न जाम, सैटेलाइट से होगा सारा काम, सरकार बदल रही टोल सिस्टम

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12फरवरी। एक दौर था जब कैश देकर टोल प्लाजा पार किया करते थे, फिर सरकार FasTag की सुविधा लेकर आई और अब सरकार चुनाव से पहले Toll Tax Collection प्रणाली में एक बड़ा फिर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. रिपोर्ट्स की माने तो सरकार सभी टोल नाके हटाकर सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली को शुरू कर सकती है.

Satellite Toll System आने से कहीं न कहीं फायदा आम जनता का ही होगा, कार चालकों को कहीं भी रुकने की जरूरत नहीं होगी, इसी के साथ एंट्री और एग्जिट पर गाड़ियों के नंबर प्लेट की तस्वीर खींची जाएगी. नए सिस्टम के आने के बाद आप लोगों को केवल उतनी ही दूरी का पैसा देना होगा जितनी दूरी आपने हाईवे के जरिए पूरी की है.

कैसे कटेगा टोल टैक्स?
सैटेलाइट टोल सिस्टम आने के बाद टोल का पैसा आप लोगों के बैंक अकाउंट से काट लिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने हाल ही में राज्य सभा में इस बात की जानकारी दी है कि जल्द सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम को लाने की तैयारी चल रही है.

इस टेक्नोलॉजी को लागू करने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और गुरुग्राम में टेस्टिंग हो चुकी है और बेंगलुरु में जल्द ट्रायल शुरू किया जाएगा.

कैसे काम करेगा सैटेलाइट सिस्टम?
ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के लिए रजिस्टर करने वाले हर व्हीकल में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) को लगाना होगा और ये डिवाइस सैटेलाइट से लिंक होगी. OBU ठीक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम की तरह होगा और इसे कुछ वाहनों के लिए अनिवार्य किया जाएगा, खासतौर से उन वाहनों के लिए जो खतरनाक रसायन लेकर आते-जाते हैं. इस OBU डिवाइस को वॉलेट से लिंक किया जाएगा जिससे टोल अमाउंट कटेगा.

करोड़ों FasTag का क्या होगा?
2016 में पहले तो सरकार फास्टैग की सुविधा को लेकर आई जिसे जनवरी 2021 में अनिवार्य कर दिया गया. अब तक 8 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी कर दिए गए हैं, अब ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम आने के बाद फास्टैग का क्या होगा?

 

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