प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बोडोलैंड की समस्याओं का समाधान किया, आज यह क्षेत्र हिंसा छोड़कर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है: अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने असम के तेज़पुर में 13वें त्रैवार्षिक बाथो महासभा सम्मेलन को किया संबोधित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 जनवरी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने असम के तेज़पुर में 13वें त्रैवार्षिक बाथो महासभा सम्मेलन को संबोधित किया।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि भारत अनेक धर्मों वाला देश है और बाथो धर्म परंपरागत सनातन धर्म के साथ ही पला बढ़ा है और भारत का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समस्याओं को अलग नज़रिए से देखने और प्रयासों के कारण उत्तरपूर्व में बोडोलैंड समस्या का समाधान हुआ और आज यह क्षेत्र हिंसा छोड़कर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि 1962 में गुवाहाटी में दुलाराई बाथो गौथूम की स्थापना हुई और तब से यह बोडो समुदाय और बाथो धर्म के लिए काम कर रहा है।अमित शाह ने कहा कि इस महासभा ने बाथो धर्म को बोडो समुदाय के बीच व्यावहारिक और वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ जीवन शैली में प्रतिबिंबित कर रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि असम सरकार ने माघ महीने के द्वितीय मंगलवार को बाथो पूजा के लिए अवकाश घोषित किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे बाथो महासभा के आध्यात्मिक दृष्टिकोण यानी धर्म, अहिंसा, शांति, क्षमा और प्रेम के माध्यम से पूरे विश्व और विशेषकर हमारे उत्तरपूर्व की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि बाथो समुदाय के बारे में वो ही जान सकते हैं जो बाथो धर्म का अर्थ जानते हैं। उन्होंने कहा कि बा का अर्थ पांच और थो का अर्थ गहरा होता है अर्थात पांच तत्वों के विज्ञान और उनके गहरे रहस्य को समझने की प्रक्रिया। उन्होंने कहा कि बोडो के बाथो धर्म का मूल सिद्धांत है पांच तत्वों को एक साथ एकता का संदेश देना। उन्होंने कहा कि बाथो धर्म के दर्शन के अनुसार बोराई बाथो ब्रह्मांड में व्याप्त है। अमित शाह ने कहा कि पांच तत्वों की यह फिलासफी प्रकृति की पूजा की फिलासफी है और इसी के आधार पर बाथो धर्म का झंडा भी बना है। अमित शाह ने कहा कि बाथो ध्वज और धर्म, दोनों पांच तत्वों की पूजा का संदेश देते हैं।

अमित शाह ने कहा किइस धर्म के आध्यात्मिक संदेश बोथोइज़्म के पांच नैतिक संदेश पूरे देश और दुनिया का मार्गदर्शन करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पवित्र अनुभूति, पवित्र अभ्यास, प्रेम, सत्य और नफरत के त्याग पर इन 5 मूल संदेशों के आधार पर ही बाथो धर्म आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार और असम सरकार सभी धर्मों को मजबूती देने के प्रति कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां प्रकृति से बढ़कर कुछ नहीं होता है और प्रकृति की पूजा करने वाले हमारे धर्मों, विशेषकर नॉर्थईस्ट में, के संरक्षण और संवर्धन के लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि सारे धर्मों के संरक्षण के लिए जो कुछ भी करने की ज़रूरत होगी, वो हम जरूर करेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बोडो आंदोलन का एक बहुत बड़ा इतिहास रहा है और बोडो लोगों ने अपनी संस्कृति को बचाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की नीति थी मूल समस्याओं से ध्यान भटकाकर सत्‍ता भोगना और इस नीति के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बोडो समझौता हुआ और पूरे बोडोलैंड में आज शांति और सद्भाव का वातावरण बना हुआ है। अमित शाह ने कहा कि पूरे बोडोलैंड में पिछले 3 सालों में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है और बोडोलैंड अब प्रगति के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि यहां विकास की एक नई गाथा शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का पूरे उत्तरपूर्व को विकसित करने और शांति स्थापित करने का मिशन आज सफल हो चुका है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के कार्यकाल में पूरे नॉर्थईस्ट में हिंसा की घटनाओं में 73%, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 71% और नागरिकों की मृत्यु में 86% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में नौ शांति समझौते किए हैं और लगभग 9000 युवा हथियार छोड़कर मेनस्‍ट्रीम में आए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 27 जनवरी, 2020 को किए गए समझौते के कारण 1600 से अधिक युवा समाज की मुख्यधारा में आए। उन्होंने कहा कि केन्द्र और असम सरकार ने मिलकर 1500 करोड रुपए का विकास पैकेज इस क्षेत्र के विकास के लिए दिया। उन्होंने कहा कि आज असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा जी के नेतृत्व में पूरा असम शांति के साथ विकास के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बोडो कछारी वेलफेयर ऑटोनॉमस काउंसिल का गठन कर दिया है और अब स्थानीय भाषा बोडो को असम की सहयोगी भाषा के रूप में राज्य सरकार ने मान्यता देने का काम किया है। बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन के 10 कॉलेजों को लोकलाइज किया गया है और पूर्ववर्ती एनडीएफबी के 4200 काडर को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने का काम भी किया गया है।

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