भारत में मिला “सबसे दुर्लभ” पृथ्वी तत्वों का विशाल भंडार

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11अप्रैल। भारत माता अपने संतानों के लिए, अपनी झोली में क्या क्या संजोकर रखा है, किसी को कुछ पता नहीं है. कहीं से विशाल लीथियम का भंडार मिल रहा है तो, कहीं से विशाल यूरेनियम और सोने का भंडार. अब भारत में “सबसे दुर्लभ” पृथ्वी तत्वों का विशाल भंडार मिला है.

देश में इन दिनों ‘खनिजों’ के बड़े बड़े भंडार मिल रहे हैं, अभी जो खनिज मिला है, वह इतने “बेशकीमती और महत्वपूर्ण” हैं कि इससे हमारा देश तो मालामाल होगा ही ! साथ ही और भी ज्यादा मजबूत होगा. आंध्र प्रदेश के ‘अनंतपुर जिले’ में दुनिया का सबसे दुर्लभ ‘पृथ्वी तत्वों’ का विशाल भंडार मिला है और इस दुर्लभ तत्वों का सबसे अधिक “इस्तेमाल” सेलफोन, टीवी और कंप्यूटर से लेकर ऑटोमोबाइल तक में होता है,इन दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की खोज हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने किया है.NGRI के वैज्ञानिक साइनाइट जैसी गैर पारंपरिक चट्टानों के लिए सर्वेक्षण कर रहे थे, तभी उन्हें लैंथेनाइड सीरिज में यह खनिज मिले,वैज्ञानिकों को मिले इन तत्वों में एलानाइट, सीरीएटष थोराइट, जिरकोन कोलम्बाइट, टैंटलाइट, एपेटाइट, मोनाजाइट, फ्लोराइट और पायरोक्लोर यूक्सेनाइट शामिल हैं. “NGRI” के वैज्ञानिको ने कहा कि, अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन देखा गया है.

चलिए जानते हैं, मिले इन खनिज तत्व है क्या !? वैज्ञानिक ने बताया है कि मोनाजाइट के दानों में अनाज के अंगर रेडियल दरारों के साथ कई रंग दिखाई देते हैं जो ये संकेत है कि इसमें रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं,अनंतपुर में अलग अलग आकार का जिक्रोन भी देखा गया है ! वैज्ञानिको ने इन आरईई के बारे में ‘ज्यादा जानकारी’ जुटाने के लिए डीप-ड्रिलिंग करके और अध्ययन करेंगे !! इन दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का “इस्तेमाल” स्वच्छ ऊर्जा, एयरोस्पेस, रक्षा और स्थायी चुंबकों के निर्माण में किये जाते है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स पवन टर्बाइनों, जेट विमानों व कई अन्य उत्पादों में किया जाता है !! यह दुर्लभ खनिज जहां मिले हैं वह साइट अंडाकार आकृति में 18 किलोमीटर वर्ग क्षेत्रफल में फैला हुआ है. वैज्ञानिको ने कहा कि अभी इन तत्वों पर हम और अध्ययन कर रहे हैं…

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