मोहन भागवत ने ‘ब्राह्मण नहीं पंडित कहा’, संघ प्रमुख के बयान पर RSS की सफाई

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7फरवरी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान से सियासी बवाच मच गया है. दरअसल उन्होंने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘भगवान ने हमेशा बोला है मेरे लिए सभी एक हैं. उनमें कोई जाति वर्ण नही हैं, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वह गलत था. भारत देश हमारे हिंदू धर्म के अनुसार चलकर बड़ा बने और वह दुनिया का कल्याण करे. हिंदू और मुसलमान सभी एक हैं.’
भागवत के इसी बयान पर मचे बवाल के बाद आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने मामले में स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख की टिप्पणी का गलत का मतलब निकाला गया. उन्होंने कहा कि पंडितों… से उनका मतलब विद्वान (बुद्धिजीवियों) से था.

आंबेकर ने आगे कहा कि सरसंघचालक मराठी में बोल रहे थे और पंडित का अर्थ बुद्धिजीवी भी होता है. ऐसे में उनके बयान को सही परिप्रेक्ष्य में लिया जाना चाहिए. उनके कहने का वास्तव में मतलब था कि हर कोई बराबर सम्मान का हकदार है.

मालूम हो कि संघ प्रमुख के बयान पर सियासी बवाल से इतर कई नेताओं ने इसकी तारीफ भी की. यूपी के डिप्टी सीएम उनमें से एक हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिन्दू समाज में जाति व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान को ‘हम लोग मार्गदर्शन मानते हैं.’ मौर्य की गिनती अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के प्रमुख नेताओं में होती है.

मौर्य ने संसद भवन परिसर में भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा, ‘मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हूं और परमपूज्य सरसंघचालक जी जब कुछ कहते हैं तो एक स्वयंसेवक के नाते हमलोग मार्ग दर्शन मानते हैं.’ उन्होंने हालांकि भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘जहां तक उस पर टिप्पणी की बात है तो मैं पूज्य सरसंघचालक जी के किसी बयान पर टिप्पणी करूं, यह उचित नहीं है.’

विपक्षी दलों के नेताओं ने हालांकि भागवत के बयान के मद्देनजर आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लिया और कहा कि उनके बयान की झलक उनके संगठन और भाजपा सरकारों के कार्यों और उनकी कार्यसंस्कृति में दिखनी चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने कहा, ‘मोहन भागवत जी का बयान सिर्फ बयान ही है. मजा तो तब आए जब उसमें मंशा दिखे, कार्रवाई में वह दिखे और कार्यशैली में दिखे. कार्यशैली में दिखता नहीं है. जातिगत जनगणना पर तो कुंडली मारकर बैठे हुए हैं.’

भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख से सवाल किया कि वह किस शास्त्र के हवाले से जाति व्यवस्था के बारे में बोल रहे थे. सिंह ने कहा, ‘हम तो मोहन भागवत जी से यह पूछना चाहते हैं कि कौन से शास्त्र झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा है कि शास्त्र झूठ बोल रहे हैं. हम जानना चाहते हैं कि कौन सा शास्त्र है, जो झूठ बोल रहा है. मैं यह जानना चाहता हूं.

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