हर दल व हर दिल अज़ीज़ थे रघुवंश बाबु ….

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कुमार राकेश, नई दिल्ली .13 सितम्बर . :राजद जैसी पार्टी में एक ही अत्यंत भले इंसान थे.रघुवंश प्रसाद सिंह ..

समझदार,संवेदनशील,सामाजिक सरोकारों के प्रति सदैव जागरूक,हंसमुख ,बेबाक विचारों के धनी थे, हर दिल व दल अज़ीज़ रघुवंश बाबु …

जो भी करते,उन्मुक्त होकर .निश्चिंत होकर.जाते जाते एक अच्छा काम कर गए ,जो वो जीवित रहकर कई बार करने की कई कोशिशे की थी .जो हो नहीं सका था .वो था राजद जैसी पार्टी से पूर्ण मुक्ति .पर शायद ईश्वर ने उनकी सुन ली ,पर इस कीमत पर ,ये हमें क्या ,किसी को पता नहीं था.शायद उनको पता चल गया होगा……

जबतक दिल्ली में रहे सभी बिहारी परिवारों के लिए ,मीडिया बंधुओ के लिए मकर संक्रांति के अवसर पर उनका भोज अतुलनीय हुआ करता था.वो एक ऐसा भोज हुआ करता था ,जिसमे हर दल के लोग सब भेद भाव ,दुराव को भूलकर उस दही-चूड़ा के विशाल आयोजन में शिरकत किया करते थे,कई यादें उनसे जुडी हुयी है एक पत्रकार के नाते ,एक बिहारी होने के नाते ,एक राष्ट्रवादी होने के नाते ,

संसद में जब बोलते थे तो सब उनको सुनते थे.गणित के प्रोफ़ेसर होने के नाते सरकारी व गैर सरकारी आंकड़ो पर उनकी जबरदस्त पकड़ थी.उनके संसदीय भाषण में कई तथ्य सभी दलों से बिलकुल अलग हुआ करते थे.
ग्रामीण मंत्रालय में मेरी अभिरुचि की वजह से उनसे काफी मिलना जुलना रहा.

ये भी सच हैं कि राजद उनके लिए जरुरी नहीं ,बल्कि मजबूरी थी.इसलिए उन्होंने पिछले दिनों स्वयं को राजद से अलग कर लिया था.वैसे अभी एकाध डॉ मनोज झा जी जैसे अच्छे लोग राजद में शेष हैं ,उन्हें जल्द ही राजद से मुक्त होने के बारे चिंतन करना चाहिए ..

ईश्वर आदरणीय रघुवंश बाबू को शांति व मुक्ति प्रदान करें ,

उनको श्रद्धांजलि व शत शत नमन….ॐ शांति ॐ …

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