भारत के लिए कोरोना काल सेवा,संयम व संकल्प का सकारात्मक दौर सिद्ध हुआ: मुख्तार अब्बास नकवी

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समग्र समाचार सेवा, नई दिल्ली.17 अगस्त : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि, भारतीयों के लिए कोरोना काल “सेवा, संयम, और संकल्प” का सकारात्मक दौर साबित हुआ है, जिसने पूरे विश्व में मानवता की मिसाल कायम की है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एन एमडीएफसी) ने दिल्ली स्थित होली फैमिली अस्पताल के लिए सभी सुविधाओं से लैस अत्याधुनिक मोबाइल क्लिनिक को हरी झंडी दिखाई।

नकवी ने कहा कि, लोगों की ज़िंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ ही कार्य करने की शैली में भी खास परिवर्तन आये हैं। अब लोग अपने कार्य के प्रति ज्यादा प्रतिबद्ध होकर समाज के लिए अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं।

इस अवसर पर अनिल कूटो, दिल्ली के आर्कबिशप, पी.के. दास, सचिव, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, फादर जॉर्ज, निदेशक, पवित्र परिवार अस्पताल, शाहबाज़ अली, सीएमडी, एनएमडीएफसी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नकवी ने कहा कि, लोगों की तीव्र प्रतिबद्धता और सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का ही नतीजा है की इस कोरोना काल में में हम लोग सवास्थ्य क्षेत्र में आत्म निर्भर बन गए हैं। भारत सिर्फ एन-95 मास्क और पीपीई, वेंटीलेटर और अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों में ही आत्मनिर्भर नहीं बना बल्कि अन्य देशों तक उपकरण पहुंचाने में सक्षम बना है।

नकवी ने कहा कि पहले भारत में कोरोना जांच के लिए सिर्फ एक लैब हुआ करती थी। लेकिन अब पूरे 1400 लैब हैं जो देश के कोने-कोने में स्थित हैं। उन्होंने कहा, कोरोना जांच के शुरुआती दौर में एक में सिर्फ 300 टेस्ट हुआ करते थे, लेकिन अब कम समय में हम 7 लाख से ज्यादा टेस्ट करते हैं। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि, भारत में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लांच किया गया है। जिसमें हर भारतीय को एक आईडी दी जाएगी। ये मिशन भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा। मरीज़ से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी, बीमारी का नाम, किस डॉक्टर ने मरीज़ का इलाज किया, क्या दवाई दी गई, ये सभी सूचना उस आईडी में होगी।

नकवी ने कहा कि, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना “मोदी केयर” लोगों के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की गारंटी बन गई है। “मोदी केयर” ने देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को समेट रखा है। पिछले 6 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों ने यह सुनिश्चित किया है कि भारी जनसंख्या के बावजूद भारत काफी हद तक कोरोना महामारी के प्रभाव को रोकने में सफल रहा है।

नकवी ने कहा कि, सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में लगातार कई कोशिशें कर रही है। देश में 22 नए एम्स और 157 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। पांच वर्षों में, एमबीबीएस और एमडी सीटें 45 हजार से अधिक छात्रों के लिए बढ़ा दी गई हैं। गांवों में 1.5 लाख से अधिक “वेलनेस सेंटर” शुरू किए गए हैं। इन “वेलनेस सेंटर” ने कोरोना महामारी के दौरान गांवों की बहुत मदद की है।

नकवी ने कहा कि, इस कोरोना काल के दौरान, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ्री में राशन मुहैया करवाया है। लगभग 90 हजार करोड़ रुपये सीधे जरूरतमंद लोगों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए हैं। सरकार ने। इन बड़े प्रयासों से यह सुनिश्चित किया कि कहीं ये संकट किसी बड़ी आपदा में परिवर्तित न हो।

नकवी ने कहा कि, 1500 से ज्यादा हेल्थ केयर असिस्टेंट, जिन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है, कोरोना रोगियों के उपचार में मदद कर रहे हैं। इन स्वास्थ्य देखभाल सहायकों में 50 प्रतिशत लड़कियां शामिल हैं जो देश भर के कई अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में कोरोना रोगियों के उपचार में मदद कर रही हैं। इस साल, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के द्वारा 2000 से ज्यादा अन्य स्वास्थ्य देखभाल सहायकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

मंत्रालय देश के विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों और प्रतिष्ठित अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सहायकों को एक साल का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। कोरोना प्रभावित लोगों के लिए संगरोध और अलगाव सुविधाओं के लिए देश भर में 16 हज हाउस राज्य सरकारों को दिए गए हैं। विभिन्न राज्य सरकारें इन हज हाउसों में अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाओं का उपयोग कर रही हैं।

नकवी ने कहा कि, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सीएसआर कार्यक्रम के तहत एनएमडीएफसी द्वारा प्रदान किया जाने वाला मोबाइल क्लिनिक गरीब, कमजोर तबकों को नवीनतम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए होली फैमिली अस्पताल द्वारा संचालित किया जाएगा। यह इमरजेंसी मल्टी पैरा मॉनिटर, ऑक्सीजन सुविधा और ऑटो लोडिंग स्ट्रेचर से लैस है, जो किसी भी आपातकालीन रोगी के लिए आवश्यक और आजीवन सुविधाएं हैं।

नकवी ने कहा कि, एमडीएफसी ने युद्ध के दौरान पीड़ित सैनिकों के इलाज के लिए संशोधित स्कूटर, फिजियोथेरेपी और अन्य जरूरी उपकरण प्रदान करके रक्षा मंत्रालय के पुनर्वास केंद्र (पीआरसी) मोहाली को समर्थन दिया है। ये उपकरण सामान्य जीवन जीने वाले सैनिकों की मदद कर रहे हैं।

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