अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के सबसे हॉट संसदीय क्षेत्र वाराणसी की पूरी पिक्चर बदल गयी है। हालांकि यहां से मोदी की जीत सुनिश्चित है, इसके बावजूद वाराणसी से प्रियंका गांधी वाड्रा को बैठाने के लिए भाजपा खेमा न केवल काफी सक्रिय रहा और अंततः प्रियंका को चुनाव न लड़ने के लिए राजी करके वाराणसी सीट की रोचक रोमांचक और सबसे आकर्षक सीट की पूरी हवा निकाल दी गयी।
गौरतलब है कि बड़े दवाब और कुछ हितकारी फैसलों के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के मंसूबों को कुछ दिनों के लिए विराम लग गया है। प्रधानमंत्री मोदी की रिकॉर्ड जीत के साथ ही अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपने अपने संसदीय क्षेत्र से जीत भी सुनिश्चित हो गया है। इसके साथ ही इसी साल के अंत तक इसकी पूरी संभावना है कि वायनाड सीट विजय के बाद राहुल गांधी अमेठी संसदीय सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी के लिए छोड़ देंगे। उपचुनाव में भले ही प्रियंका मैदान मारने के लिए मैदान में होंगी। मगर पिछले पांच साल से पराजय के बाद भी अपने इलाके की तरह देखती हुई सक्रिय रहने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को अब अमेठी छोड़कर कोई दूसरा क्षेत्र तलाशना पड़ सकता है।
उतर प्रदेश की वाराणसी सीट से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अजय राय कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। इसके साथ ही इस हाई प्रोफाइल सीट से प्रियंका गांधी के मैदान में उतरने की सारीअटकलें भी खत्म हो गयी। पहले तो इस सीट को लेकर संस्पेंश था।
खुद प्रियंका भी कई मौकों पर कह चुकी थीं कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चाहेंगे तो वह तैयार हैं। राहुल ने भी कहा था कि इस मसले पर सस्पेंस जरूरी है। लेकिन अंतिम घड़ी में कांग्रेस ने 2014 के अपने पुराने उम्मीदवार को ही फिर से वाराणसी में खड़ा कर दिया है।
2014 के चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय लड़े थे। पीएम मोदी ने केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से मात दी थी। पीएम मोदी को 2014 में कुल 5.81 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। केजरीवाल को 2.9 लाख वोट मिले थे जबकि राय को केवल 76 हजार वोट मिले थे। इसबार साथ साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे बीएसपी और एसपी के उम्मीदवार चुनाव 2014 में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। वाराणसी से अपना नामांकन कल शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी भरेंगे। औपचारिक तौर पर कांग्रेस के अजय रॉय भी अपना नामांकन कल ही भर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 1952 से लेकर 2014 तक वाराणसी सीट पर हुए चुनाव में केवल दो सांसद ही अब तक तीन तीन टर्म में सांसद रहे हैं।2019 चुनाव में मोदी के नाम जीत के बाद यह एक रिकॉर्ड बनेगा जब वे अपने टर्म को दोहराएंगे। मोदी है तो कुछ भी मुमकिन है। का मुहावरा फिर सफल होने जा रहा है /