घोषणा से पहले ही भाजपा आशंकित, प्रियंका गांधी के मोदी के खिलाफ चुनाव में उतरने की उम्मीद ।

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अनामी शरण बबल

नयी दिल्ली। प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनावी महासमर में उतरने को लेकर कांग्रेसी खेमा में रहस्य गहराता जा रहा है। कांग्रेस की खामोशी से भाजपा खेमे में अशांति है। तमाम विपक्षी दलों गठबंधन के सहायक दलों में भी वाराणसी को लेकर व्याप्त उत्साहहीनता से भी भाजपा की व्यग्रता तेज हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी  (उत्तर) से बीजेपी विधायक रवींद्र जायसवाल ने विपक्ष को खाली कारतूस बताते हुए कहा है कि आज विपक्ष वाले खोका हैं और उसमें जब बारूद ही नहीं तो एक नहीं 500 खोके भी इकट्ठे हो जाएं तो कोई फर्क नहीं पड़ता। विधायक का कहना है कि इनका कोई वजूद ही अब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी भी अब यहां से चुनाव लड़ती हैं तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगा। केजरीवाल भी आए थे, हम तो चाहते हैं कि वे फिर यहां आकर दोबारा चुनाव लडने का हौसला दिखाएं।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्षी प्रत्याशी कौन होगा, इसको लेकर प्रधानमंत्री के सलाहकार मंडली भी व्यग्र हो चला है। सबों को पीएम की जीत को लेकर आशंकाएं नहीं है, मगर चुनावी रणनीति नहीं बन पा रहा है कि आखिर युद्ध किसके खिलाफ किस तरह लड़ा जाएगा।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से भी चुनाव लडने की घोषणा के बाद यह तय सा मान लिया गया है कि आने वाले समय में राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भविष्य में अमेठी संसदीय क्षेत्र सौंपने का इरादा रखते हैं। प्रियंका गांधी के लिए राज बब्बर सचिन पायलट फारूक अब्दुल्ला की अहम भूमिका रही है और इन तीनो के पहल से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रियंका गांधी को लेकर संजीदा हुए हैं। और अंतिम समय में पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पार्टी निर्देश पर चुनाव लडने के लिए राजी हो गयी है। इस तरह प्रियंका गांधी को लेकर पार्टी समेत पूरा विपक्ष भी संजीदा है। चुनाव परिणाम चाहे जो रहे मगर अपने नाम काम भाषण आश्वासन राशन वायदे और इरादों के सच्चे झूठे हथियारों से लैस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी कांग्रेस की प्रियंका गांधी से काशी में टक्कर लेना और देना सरस सरल सुगम नहीं होगा। क्या होगा अंजाम इसका फैसला तो   23 मई को ही पता चल पाएगा। मगर मोदी जी के लिए प्रियंका गांधी के सामने यूपी वाराणसी में मजे से तैर कर पार पाना अपनी नैय्या पार लगाना इतना सरस नहीं हो सकता है। और इस आशंका को भाजपा भी महसूस कर रही है। 

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