नाहक बदनाम हैं बिहार , योगी जी यूपी बोर्ड को सुधारने के लिए बिहारी जज्बे का पालन करे

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बिहार बोर्ड मैट्रिक के नतीजे घोषित, सिमुतला के सावन राज बने टॉपर 81% बच्चें उत्तीर्ण ं
पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने आज मैट्रिक के नतीजे घोषित कर दिए हैं। बोर्ड ने ये मूल्यांकन शुरू होने के महज 37 दिनों में ही परीक्षाफल जारी कर दिए गए। इस बार 13 लाख 20 हजार 36 उतीर्ण घोषित किए गए हैं। इस साल कुल शामिल छात्रों का 80.73 प्रतिशत है।बिहार माध्यमिक परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि अप्रैल माह में पहली बार देश के किसी बोर्ड में रिजल्ट मैट्रिक का घोषित हुआ है। इतने कम समय में परीक्षाफल घोषित करने का यह एक रिकॉर्ड है। समय से काफी पहले रिजल्ट घोषित करके बिहार बोर्ड ने एक कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिहार का रिजल्ट सबसे तेज प्रामाणिक और तीन स्तरीय जांच के बाद ही सार्वजनिक किया गया है।  बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि वर्ष 2017 में ही बिहार बोर्ड को सबसे उत्कृष्ट बोर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था. नई तकनीक और परीक्षा प्रणाली का लाभ छात्रों को मिला. इस बार की परीक्षा में केवल 179 रिजल्ट ही पेंडिंग पड़े हैं।
इस साल 10वीं बोर्ड की परीक्षा कुल 16 लाख, 60 हजार, 609 परीक्षार्थियों ने दी थी। बोर्ड की परीक्षा 21 फरवरी से 28 फरवरी तक हुई थी। राज्यभर में कुल 1418 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। बीएसईबी चेयरमैन आनंद किशोर ने इससे पहले कहा था कि परीक्षा पर नजर रखने के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप के अलावा एक कंट्रोल रूम बनाया गया था। इस व्हाट्सअप ग्रुप में सभी जिलों के जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी जुड़े हुए थे।उल्लेखनीय है कि परीक्षा परिणाम के लिए बदनाम बिहार में यह नयी पहल है। खासकर नक़ल के लिए बदनाम बिहार में यह बेहद बेहतर परिणाम है। खासकर यूपी बोर्ड के हाल को देखते हुए जहां पर नकल रोकने की सख्ती पर करीब 13 लाख छात्रों ने अपनी परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी।  इन आंकड़ों को देखकर  तो यही लगता है कि बिहार तो नाहक बदनाम हैं। ।।।

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