अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। फिल्मी पर्दे और इडियट बॉक्स में धूम मचाने वाली जगत बहू रही विख्यात अदाकारा स्मृति इरानी राजनीति में आकर अब सास की भूमिका कर रही है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दलों में वार-पलटवार के हमलों का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस बेरोकटोक बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर राफेल सौदों में अनिल अंबानी की भूमिका और इसमें भ्रष्टाचार के खेल का आरोप लगा रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस के इन आरोपों के सामने खामोश है। प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के तमाम महाबलि वाचाल और तेज तर्रार प्रवक्ताओं की टोली भी मोदीजी की तरह ही खामोशी धारण कर रखी है। नेता भी इस मामले में खामोशी धारण कर रखी है। इसी कड़ी में स्मृति ईरानी पहली ऐसी दबंग नेता साबित हुई है ने जिन्होंने राफेल मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दिलचस्पी पर ही सवाल जवाब करके खामोशी तोडी है। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा संभाला है। संवाददाताओं से बतियाते हुए उन्होंने कहा कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रही है। लेकिन पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से जो तथ्य आए हैं वो दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है।
अमेठी से इस बार राहुल गांधी के मुकाबले दोबारा चुनाव लडने के लिए मेहनत कर रही इरानी अभी से और अमेठी से बाहर भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेरने की रणनीति बनाने में जुटी है। उन्होंने राहुल गांधी पर अपने जीजा को बचाने का आरोप लगाया। इरानी ने कहा कि ये राहुल गांधी ही है जो रॉबर्ट वाड्रा को पीछे छिप रहे हैं। श्री मती इरानी ने राहुल गांधी से जनता को यह बताने के लिए कहा है कि रक्षा सौदों में उनकी इतनी रूचि क्यों हैं। वो बताएं कि क्या देश की सुरक्षा को चंद रुपयों के लिए के लिए निलाम कर दिया जाए। इस से इस बार लोकसभा चुनाव में अमेठी में निपटना आसान नहीं है पहले से काफी दांव पेंच सीख चुकी पिछली बार अमेठी में मात खा गयी थी, मगर इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपनी परम्परागत सीट पर आन बान और शान के लिए दोनों को जूझना पड़ेगा।।