अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर की गई एयरस्ट्राइक को लेकर राजनीतिक विवाद का गहराना जारी है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों द्वारा इसको लेकर सरकार के स्ट्राइक स्टोरी पर संदेह जताया है। सबूत मांगे जा रहे हैं। सबूत मांगने वाली पार्टियों की फेहरिस्त में अब भारतीय जनता पार्टी की साथी शिवसेना का भी -नाम जुड़ गया है। शिवसेना ने कहा है कि देशवासियों के साथ साथ मुझे और शिवसेना को यह जानने का अधिकार है कि एयर सर्जिकल स्ट्राइक का सच क्या है। वो सच क्या है जो सरकार छिपाना चाहती है और इस मुद्दे को लेकर भाजपा देशप्रेम राष्ट्रवाद का नया मुहावरा और शब्दावली गढ़ रही है। भाजपा के नये देशप्रेम की असली उन्मादी तेवर की बात का सच जानने का हक पूरे देश को है।
शिवसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देशवासियों को ये जानने का हक है कि हमने दुश्मन के घर में कितना नुकसान पहुंचाया है। हमें नहीं लगता है कि इस प्रकार का सवाल पूछने से सेना के जवानों का मनोबल कमजोर होगा। या इस तरह के सवालों से सैनिकों का मनोबल गिरता है।
मुंबई से प्रकाशित शिवसेना प्रमुख का अखबार सामना एक तरह से शिवसेना का मुखपत्र माना जाता है। शिवसेना का मानना है कि बार बार कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री इमोशनल हो जाते हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री की आंखों में आंसू नहीं दिखे। इस बार वो ज्यादा खुश दिखे हैं। एक तरफ जहां पाकिस्तान के साथ जंग का माहौल है तो दूसरी ओर मोदी रैलियां ही संबोधित कर रहे थे। यह कैसा विरोधाभाष है। शिवसेना प्रमुख के अनुसार पुलवामा से पहले विपक्ष के पास महंगाई, बेरोजगार, राफेल डील समेत कई मुद्दे थे। लेकिन अब लगता है कि एयरस्ट्राइक के बाद सभी तरह के मुद्दे खत्म हो गए हैं और हर कोई एयरस्ट्राइक की बात कर रहा है। राष्ट्रीयता और देशप्रेम का नया मुहावरा परवान पर चढ़ाया जा रहा है। बाकी सारे मुद्दे फेल हो गए हैं। ।।