अनामी शरण बबल
छात्राओं का कपड़ा उतरवाने वाले शिक्षा अधिकारी को शिक्षा विभाग का क्लीन चिटइस निर्णय के खिलाफ कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देशजल्दी रिपोर्ट की मांग की, और क्लीन चिट पर जवाबतलब
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर में परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं के कपड़े उतार कर नकल जांच करने के तुगलकी आदेश का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में बिना जांच किए ही जिला शिक्षा विभाग ने फ्लाइंग स्कॉड टीम को क्लीन चिट दे दी है। शिक्षा विभाग का दावा है किया कि छात्रा ने कपड़े उतरवाने के कारण नहीं, बल्कि घर वालों द्वारा मोबाइलफोन छीनने के कारण आत्महत्या की है। शिक्षा विभाग के तर्कों को नकारते हुए जशपुर कलेक्टर ने मामले में जांच के निर्देश देकर जांच दल बना दिया है. जांच दल को जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारी के सख्त रुख को देखते हुए शिक्षा विभाग में हड़कंप है। तो परीक्षा के दौरान जांच पड़ताल या नक़ल रोकने के नाम पर अभद्रता दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भारी विरोध हो रहा है। इस मामले को भाजपा के कई नेताओं ने भी उठाया है। सीधे सीधे मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर इसके लिए आरोपित करके सुशासन के नाम पर लड़कियों को नंगा करने की कार्रवाई पर सख्त रवैया अपनाने की मांग की है। इस घटना को पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी अस्मिता और इज्जत से जोड़कर देखा जा रहा है।
जशपुर के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच दल गठित की है. इस जांच दल में बगीचा के एसडीएम डॉ. रवि मित्तल, तहसीलदार संजय राठौर, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी लीलावती पैकरा को शामिल किया गया है. कलेक्टर ने जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।. राजनीति तौर पर मुख्यमंत्री ने भी इसे गंभीरता से लिया है। उधर सभी का लड़कियों से आपत्तिजनक ढंग से पेश आने की कार्रवाई से नाराजगी है। कई महिला संगठनों ने भी इस मामले की जांच करके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। आत्महत्या करने वाली लड़की के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की है।