आसान नहीं है अब आने वाले रॉबर्ट वाड्रा के दिन

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अनामी शरण बबल

फिलहाल 19 मार्च तक रॉबर्ट वाड्रा की  गिरफ्तारी रोक / कोर्ट ने बढ़ाई अग्रिम जमानत
नयी दिल्ली। एनडीए मोदी सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)  और नाना प्रकार की जांच एजेंसियों के रडार पर रॉबर्ट वाड्रा है। उत्तरप्रदेश के  पीतल नगरी के रुप में विख्यात मुरादाबाद शहर के मूल निवासी रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी के पति हैं। देश के सबसे ताकतवर गांधी परिवार से रिश्ता यदि रॉबर्ट वाड्रा की सबसे बड़ी ताकत है तो रॉबर्ट से कांग्रेस की सबसे बड़ी संजीवनी प्रियंका गांधी का पति होना कांग्रेस की सबसे कमजोर कड़ी है। और कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी ही मोदी सरकार की सबसे बड़ी ताकत है, जिसे गांधी परिवार को दबाने और प्रियंका गांधी वाड्रा को पर्दे में रखने और रहने के बेबस कर दिया था। मगर सबकी परवाह से बेपरवाह होकर जब प्रियंका गांधी वाड्रा अपने खोल या मांद से बाहर निकल कर राजनीति में सबको चुनौती देती हुई आयी तो चारों तरफ सनसनी फैल गयी लेकिन प्रियंका गांधी की सनसनाहट का खामियाजा उनके पतिदेव को ही भुगतना पड़ेगा। ‌अलबता ईडी की लगातार सख्त पूछताछ जारी है और यह लगातार जारी रहेगा। शुक्र है कि ईडी की हर पूछताछ से पहले अदालत द्वारा बार बार एंटीसेपेटरी बेल मिलती आ रही है और अदालती कवच कुंडल  पहनाकर वे ईडी का सामना तो कर रहे हैं। ईडी की बारम्बार और लगातार पूछताछ से वे अब लगातार पस्त होते जा रहे हैं, इसके बावजूद अग्रिम जमानत की सुरक्षा प्रबंधन के सामने हजारों करोड़ के जमीन खरीदने के मामले में उखड़ी सांसों के साथ फंसे हुए होकर भी फिलहाल राहत की सांस ले रहे हैं।
  प्रवर्तननिदेशालय (ईडी) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दर्ज किये गये धनशोधन के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने एक माह में तीसरी दफा रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तारी से बचने के लिए फिर से अंतरिम संरक्षण की अवधि को 19 मार्च तक बढ़ा दिया। यह एक तरह से गांधी-नेहरू खानदान के राजीव गांधी के दामाद और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा को राहत के समान है। 
एक माह के दौरान वाड्रा को तीसरी दफा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पहले जयपुर में दोबारा दिल्ली में और आठ मार्च को तीसरी दफा फिर दिल्ली में बुलावा भेजा है।  इस बार की पूछताछ में यह मामला लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर स्थित एक संपत्ति की खरीद में धन शोधन के आरोपों से संबंधित है। इस बंगले को कथित तौर पर 19 लाख पाउंड में खरीदा गया था और इसका स्वामित्व कथित रूप से वाड्रा के पास है, मगर कागजी तौर पर वाड्रा इस संपत्ति के मालिक नहीं है। जांच के घेरे में इस संपत्ति के संदिग्ध मालिक की भूमिका पर ईडी का पूरा फोकस है ‌ हाल ही में रॉबर्ट वाड्रा ने शिमला में एक बडी कोठी खरीदी है। जिसमें लकड़ी के दीवारों छतों आदि की भव्य साज सज्जा सोशल मीडिया में खासे चर्चे में रहे। गांधी और गांधी वाड्रा परिवार के साथ यह कितना अजीब और क्रूर संयोग है कि देश विदेश में कई-कई घरों की खरीद को लेकर ये लोग अपने परिवार परिजनों और अपनी पुश्तैनी इज्जत रसूख को दांव लगा दिया है, इसके बावजूद इस परिवार के पास न इतना समय और ना इतने लोग ही हैं कि इन विवादास्पद मकानों में जाकर दो एक पल गुजार सकें।‌उल्लेखनीय है कि ईडी इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से अब-तक सात बार पूछ-ताछ कर चुका है। इससे पहले राजस्थान और हरियाणा में जमीन के कई सौदों को लेकर भी वे आरोपों का सामना कर रहे हैं। उल्लेखनीय कि दिल्ली की अदालत ने धन शोधन के मामले में रॉबर्ट वाड्रा से की जा रही पूछताछ पर इससे पहले रोक लगाने से इंकार कर दिया था। अदालत ने ईडी की पूछताछ पर रोक लगाने वाली याचिका पर  दो मार्च की तारीख तय थी, जिसपर फैसला सुनाते हुए अदालत ने एक बार फिर ईडी की मांग को ठुकरा दिया। दो सप्ताह के लिए फिर से रॉबर्ट वाड्रा को राहत और रियायत दे दी है। मगर ईडी की लगातार सख्त और सघन पूछताछ के लगातार बढ़ते दवाब की आंच से वे कब तक बच सकेंगे?  या अंतत: जब आय से अधिक राशि की पूछताछ को देखकर अदालत ही जब रॉबर्ट वाड्रा को जमानत देने से इंकार कर दे।  यानी ईडी को पूछताछ के बाद की सख्ती करके हकीकत जानने का मौका मिलेगा। और फिलहाल ईडी की केवल लगातार पूछताछ से ही रॉबर्ट वाड्रा की सांसे उखड़ने लगी है।।।

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