अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। पुलवामा आतंकी आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान को एक के बाद एक करके उसके अपने ही पड़ोसी देशों से लगातार झटके मिल रहे हैं। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए भारत के साथ व्यापार का नया रास्ता खोज निकाला है। अफगानिस्तान को भारत के साथ व्यापार करने में अब पाकिस्तान के रूट की जरूरत नहीं होगी। अफगानिस्तान के इस क़दम से पाकिस्तान के सामने भारी आर्थिक नुक्सान का संकट खड़ा हो गया है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को अलग थलग करते हुए ईरान के चारबहार पोर्ट से पहली बार 570 टन सामान भारत में भेजा है। ईरान के रास्ते भेजा गया सामान अगले कुछ दिनों में भारत पहुंच जाएगा। रविवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने निमरोज प्रांत के जारांज शहर से 23 ट्रकों का काफिला रवाना किया है। अफगानिस्तान से भारत को 570 टन का सामान भारत में भेजा गया है। अफगानिस्तान से जो माल भारत को भेजा गया है उसमें कालीन, सूखे मेवे और कपास शामिल हैं। अफगानिस्तान के रास्ते भारत भेजे जाने वाले सामान को लेकर पाकिस्तान हमेशा से दादागिरी दिखाता रहा है। इस मामले में पाक जान-बूझकर भारत के सामान को नुकसान पहुंचाने के लिए अड़चन पैदा करता रहा है। पिछले साल पाकिस्तान ने दर्जनों अफगानिस्तानी ट्रकों को रोक दिया था, जिसके बाद भारत ने अफगानिस्तानी प्रोडक्ट को हवाई रूट से मंगाया था।उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान को पाक के सड़क मार्ग से सामान भेजना हमेशा मुश्किल होता था। अफ़गानी ट्रक का सामान पाकिस्तानी ट्रक में लोड होकर अटारी बार्डर तक पहुंचती थी। जहां से भारतीय ट्रकों और रेलमार्गों के माध्यमों से सामान भारतीय मंडियों और बाजारों में जाती थी। सामान की तीन तीन बार निकालना और पैक करने से 20-25% सामान क्षतिग्रस्त हो जाते थे। मगर सीधे हवाई जहाज से आने पर सामान जल्दी और ज्यादा सुरक्षित पहुंचेगी। ड्राई फ्रूट्स विक्रेताओं का मानना है कि हवाई जहाज से सामान ज्यादा सुरक्षित और समय पर डिलेवर होता है। नुकसान भी कम होता है, जिससे हवाई जहाज से ढुलाई महंगा होने के बावजूद यह सस्ता और आसान है। देखना है कि यदि अफगानिस्तान ने इस नये रास्ते को सही तरीके से संगठित करके अपना लिया तो पाकिस्तान के न केवल हजारों मजदूरो बल्कि सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों के लाखो नुकसान के साथ साथ करोड़ों रुपयों की कर वसूली में भी कमी आएगी। अपने पड़ोसी देशों के असहयोग से पाकिस्तान के भीतर भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। वही अफगानि ्तान के इस नए रूट से भारत में एकाएक महंगी हो गयी सूखे मेवों छुहारे की कीमतों पर भी अंकुश लगाने की संभावना है। |