नयी दिल्ली/ प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार की सुबह संगम में स्नान करने कुंभ नगरी प्रयागराज पहुंचे हैं। वह कुछ देर बाद संगम में डुबकी स्नान के बाद वह अक्षयवट के भी दर्शन किए। इसके बाद कुंभ मेला क्षेत्र में पीएम मोदी सफाई का जायजा लिया। भारी सुरक्षा बल के बीच मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं।
: महाकुंभ अब समापन की ओर है। इसकी रौनक और हजारों डेरे अखाड़े और शिविरों के चले जाने से कुंभ का दौर अंत की ओर है। भारी व्यस्तता प्रधानमंत्री संगम में डुबकी लगाई और मां गंगा की पूजा आरती की वहीं उन्होंने कुंभ में सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों के पैर भी धोए। अब वो कुंभ के आयोजन में अपना योगदान देने वाले कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस पावन मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रयागराज में करोड़ों लोग तप, ध्यान और योग साधना कर रहे हैं। यहां हठ योगी भी है, तपयोगी भी हैं, मंत्रयोगी भी हैं और इन्हीं के बीच मेले की व्यवस्था में लगे मेरे कर्मठ कर्मयोगी भी हैं। कुंभ के कर्मयोगियों में साफ सफाई कर रहे स्वच्छाग्रही भी शामिल है। जिन्होंने अपने प्रयासों से कुम्भ के विशाल क्षेत्र में हो रही साफ सफाई को दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया हैं!
: उन्होंनेकहा कि इस साल दो अक्टूबर से पहले पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की तरफ आगे बढ़ रहा है। और मैं समझता हूं, प्रयागराज के आप सभी स्वच्छाग्रही, पूरे देश के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बनकर सामने आए हैं। गंगाजी की ये निर्मलता नमामि-गंगे मिशन की दिशा और सरकार के सार्थक प्रयासों का भी उदाहरण है। इस अभियान के तहत प्रयागराज गंगा में गिरने वाले 32 नाले बंद कराए गए हैं। सीवर-ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंगा नदी में प्रदूषित जल को साफ करने के बाद ही प्रवाहित किया जा रहा है। मैं पहले भी कुंभ में आता रहा हूं पर ऐसी स्वच्छता कभी नहीं देखी। नमामि-गंगे के लिए अनेक स्वच्छाग्रही तो योगदान दे ही रहे हैं, आर्थिक रूप से भी मदद कर रहे हैं। मैंने भी इसमें छोटा सा योगदान किया है। सियोल पीस प्राइज़ के तौर पर मुझे जो 1 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि मिली थी, उसको मैंने नमामि-गंगे मिशन के लिए समर्पित कर दिया है।
: इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में प्रधानमंत्री के नाते मुझे जो उपहार मिले हैं, उनकी नीलामी करके भी जो राशि मिली है, वो भी मां गंगा की सेवा में लगाई जा रही है। हर व्यक्ति के जीवन में अनेक ऐसे पल आते हैं, जो अविस्मरणीय होते हैं। आज ऐसा ही एक पल मेरे जीवन में आया है, जिन स्वच्छाग्रहियों के पैर मैंने धोये हैं, वो पल जीवनभर मेरे साथ रहेगा। मैं यहां के नाविकों का भी नमन करता हूं। नाविकों के बिना तो खुद भगवान राम का भी काम नहीं चला था। आप खुद को गंगापुत्र मानते हैं। आप खुद को राम का सेवक मानते हैं और मैं खुद को आपका प्रधानसेवक ही मानता हूं। मैं भी आपके ही समान हूं। इस बार का कुंभ एक तरह से डिजिटल कुंभ के रूप में जाना जा रहा है इसकी पूरी दुनिया में धूम मची है।: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं पहले भी प्रयागराज आता रहा हूं, लेकिन गंगा जी की इतनी निर्मलता पहले नहीं देखी है। गंगाजी की ये निर्मलता नमामि-गंगे मिशन की दिशा व सरकार के सार्थक प्रयासों का उदाहरण है। इस अभियान के तहत प्रयागराज में गंगा में गिरने वाले 32 नाले बंद कराए गए हैं। आजादी के बाद से हमेशा अक्षय वट को किले में बंद कर के रखा जाता था लेकिन अब अक्षय वट को सभी के लिए खोल दिया गया है। मुझे बताया गया है कि रोज लाखों लोग अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन कर पा रहे हैं। पिछली बार मैं जब यहां आया था तो मैंने कहा था कि इस बार का कुंभ अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी बनेगा। आज मुझे खुशी है कि आपने अपनी तपस्या से इसको साकार किया है। तपस्या को तकनीक से जोड़कर जो अद्भुत संगम बनाया गया, उसने भी सभी का ध्यान खींचा है। कुंभ में यूपी पुलिस ने जो भूमिका निभाई है उसकी भी चर्चा काफी हो रही है। आपका खोया-पाया विभाग तो बच्चों, बुजुर्गों को अपनों से मिला देता है। आपने अपने काम गंभीरता से किए हैं। इसलिए सुरक्षा में लगे लोग भी अभिनंदन के अधिकारी हैं। । प्रयागराज में जब कुम्भ लगता हैं तो सारा प्रयागराज ही कुम्भ हो जाता हैं। यहां के निवासी भी श्रद्धेय हो जाते है, प्रयागराज को एक खूबसूरत शहर के रूप में विकसित करने में और कुम्भ के सफल आयोजन करने में यहां के निवासियों ने भी पूरे देश को एक प्रेरणा दी है। इसी के साथ गंगा मैया की जय बोलते हुए पीएम ने अपना भाषण समाप्त किया।
Latest Post