जवानों की जान गंवाकर होश में आया गृह मंत्रालय/गृहमंत्री ने हवाई सफर को दी मंजूरी

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नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी आत्मघाती हमले में 40 से अधिक शहीदों की शहादत ने देश को हिलाकर  रख दिया ‌। तब कहीं जाकर  गृह मंत्रालय के वातानुकूलित कमरे में बैठकर केवल आदेश देने वाले  बाबूओं अधिकारियों और नौकरशाहों को अपनी बेरुखी और भूल का अहसास हुआ है। पुलवामा आंतकी हमले के बाद श्रीनगर में अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद अब बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और आईटीबीपी के जवानों को कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए हवाई मार्ग से ही श्रीनगर ले जाया जाएगा। 
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 2500 जवानो को जम्मू से श्रीनगर ले जाना था। करीब 78 बसों में  सवार जवानों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय से इन्हें हवाई जहाज से ले जाने की इजाजत मांगी भी थीं। जिसे मंत्रालय के नौकरशाहों ने हालात की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए मना कर दिया। जिसके बाद सैकड़ों किलोमीटर दूर श्रीनगर के लिए सारे  जवान बस में होकर चल दिए थे। हवाई जहाज यात्रा की अनुमति पत्र को जारी और जगजाहिर करके मंत्रालय अपनी कामयाबी पर श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, मगर हवाई जहाज यात्रा को नकारने वाले नौकरशाहों से मंत्रीजी सवाल जवाब पूछने का हिमाकत नही की।‌
सैनिकों की सुरक्षा के मद्देनजर अब सभी अर्धसैनिक बलों के जवान विमान से ही श्रीनगर जाएंगे। इस फैसले के बाद अब हर जवान और हर अफसर को हवाई जहाज से ही जम्मू से श्रीनगर भेजने का काम सरकार करेगी। सभी अर्धसैनिक बलों के लिए जारी किया गया यह आदेश गुरुवार (21 फरवरी) आज़ से प्रभावी हो चुका है। यानी जवानों के काफिले पर घात लगाकर आतंकी हमला या आत्मघाती संहार करना अब सरल नहीं रह गया है। मंत्रालय और भी अनेकों डिजिटल तरीको से घाटी की सुरक्षा प्रबंधन को नया रुप दिया जाएगा। 

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