अनामी शरण बबल
बंगाल में स्कूली परीक्षा के मद्देनजर भोंपू का इस्तेमाल प्रतिबंधित
दिल्ली / कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय भाजपा सरकार के बीच जुबानी जंग अब एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए अदालती जंग में बदल गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में बीजेपी नहीं बजा पाएगी भोंपू (लाउडस्पीकर) । सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो गई है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी समेत कोई भी राजनैतिक दल और निर्दलीय चुनाव लडने वाला कोई भी प्रत्याशी स्कूल की बोर्ड परीक्षाओं तक लाउडस्पीकर और माइक नहीं बजा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश बीजेपी की याचिका खारिज कर दी है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में रिहायशी इलाकों में माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर लगी रोक हटवाने की मांग की थी। जिसे सुप्रीम फटकार के साथ ही इस मांग को ठुकरा दी।
राज्य सरकार ने बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान राज्य में माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। प्रदेश बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में इसपर चुनौती दी थी। याचिका को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई की बेंच ने इसे परीक्षा की गंभीरता को देखते हुए तत्काल खारिज करते हुए इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। प्रदेश बीजेपी की याचिका में कहा गया था कि स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा के बहाने मार्च महीने के अंत तक पश्चिम बंगाल के हर इलाके में माइक और लाउडस्पीकर बजाने पर निषेधाज्ञा जारी करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना गलत है, जो कि राजनीति से प्रेरित है। दरअसल राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा के मद्देनजर राज्य में कहीं भी किसी भी तरह की माइक और लाउडस्पीकर बजाने पर निषेधाज्ञा जारी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश भाजपा के नीयत और सामाजिक सरोकार के प्रति लापरवाही को शर्मनाक बताया। चुनाव के दौरान मार्च माह तक यह प्रतिबंध मान्य है। उल्लेखनीय है कि मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा होने के साथ ही चुनावी आचार संहिता भी लागू हो जाएगी।नगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते चुनावी प्रचार प्रसार और जनसंपर्क अभियान और जनसभा में भोंपू का इस्तेमाल प्रतिबंधित हो गया है। यानी एनडीए को मात देने के लिए दोनों के बीच शह और मात के खेल में मुख्यमंत्री ममता फिलहाल मात देने में सफल हो रही है।।।