श्रीकृष्ण से बड़ा ज्ञानी और योगी संसार में कोई दूसरा नहीं :देवकी नंदन
यागराज कुंभ मेला क्षेत्र सेक्टर 13 के शांति सेवा शिविर में विख्यात कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की भागवत कथा की भक्तिरस धारा बुधवार को देर रात तक अविरल चलती रही। संत श्री ठाकुर ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने उपदेश महाभारत रणक्षेत्र कुरुक्षेत्र में दिया। जहां रण के बाजे बज रहे थे। जिसे सुनकर बड़े-बड़े शूरवीरों के सीना धड़क रहा था। ऐसे में वो नंदकिशोर महाभारत जैसे युद्ध में खड़े होकर लगे हुए हैं। ऐसे में अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं । यह इसलिए क्योंकि वो भगवान हैं, उनसे बड़ा ज्ञानी, त्यागी और गृहस्थी कोई नहीं है।महाराज ने कहा कि आप कभी ये ना सोंचे की भगवान हमें केवल हमारे ही कर्मो का फल देते हैं, भगवान सभी को कर्मो का फल समान रुप से देते हैं।चाहे उनकी संतान हो या नहीं हो। व्यक्ति कैसा होना चाहिए इस पर बोलते हुए संत ठाकुर ने कहा कि बचपन कैसा होना चाहिए? कृष्णा के बचपन जैसा। आज कल बच्चों को खेलने को समय मैदान और साथी नहीं मिलता, वे सिर्फ मोबाइल और टीवी तक सिमट गए है। खेलने कूदने बच्चों के व्यक्तित्व में निखार आता है। श्रीकृष्ण कथा की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और विश्व शांति के लिए प्रार्थना से की गई। प्रवचन कथा सार अभी कुछ दिन और चलेगा। ।। प्रयागराज महाकुंभ में अपराध।। कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं के साथ चोरी, छिनैती और लूट करने वाले एक गिरोह के छह बदमाशों को आज बुधवार को गिरफ्तारक कर लिया। उनके पास से बड़ी संख्या में गहने, पर्स, कपड़े तथा अन्य सामान बरामद हुए हैं। मौनी अमावस्या के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ चोरी और छिनैती की घटनाएं हुई थीं। संगम पुलिस ने एक सूचना पर पीपा पुल नंबर छह के पास से पीडब्लूडी के शिविर के पीछे से भिलाई छत्तीसगढ़ के रजनीश कुमार, पश्चिम चंपारन बिहार के संजय राय, पलवल हरियाणा के सूरज कुमार, भेलूपुर वाराणसी के शाहिद, शरीफपुर हंडिया के नीरज कुमार, और सुदनीपुर सराय इनायत के अवधेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की तहकीकात कर रही पुलिस बरामद सामान की वापसी के लिए मेला क्षेत्र के थानो में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर योजना बनई ।। 13 फ़रवरी तक चलेगा रुद्र महायज्ञ ।। गोवर्धन मठ पुरी के जगदगुरु स्वामी शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ महराज के मेला क्षेत्र के सेक्टर-13 स्थित शिविर में रुद्र महायज्ञ और भागवत महापुराण आज़ गुरुवार से स शुरुआत हो गई। शुरू में स्वस्तिवाचन, नवग्रह पूजा, षोडस मात्रिका, गौरीगणेश पूजन, सर्वतोभद्र पूभलजन, अति लिंगतोभद्र, वास्तु देवता, दशदिगपाल, पंचलोकपाल,चौषठ योगिनी का आह्वान और स्थापना और पूजन किया गया। इसके बाद भगवान आद्य शंकराचार्य की दो हजार पांच सौ वर्ष पुरानी चरण पादुका का षोडशोपचार विधि से पूजन किया गया। तदुपरांत वेद पुराण का वाचन किया गया। वृन्दावन से आये कथावाचक गोपाल कृष्ण शास्त्री ने भागवत सप्ताह कथा का रसपान कराया। कथा में श्रवण विधि, श्रोता वक्ता के नियम का वर्णन हुआ और धुन्धकारी की कथा सुनाई गई, जो गोकर्ण के ज्ञान से प्रेतयोनि से मुक्ति मिली। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में रोजाना कोई ,500 से भी अधिक शिविरों में इसी तरह के धार्मिक प्रवचन कथा सागर की सरिता प्रवाहित हो रही है। । |