साथ- साथ मजा लीजिए इस बार आईपीएल किक्रेट और लोकसभा चुनाव का/

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अनामी शरण बबल

क्या कमाल का संयोग है, कि इस बार की गर्मियों में भारतीय नागरिकों को किक्रेट का लुत्फ और लोकसभा चुनाव का मजा एक ही साथ मिलने जा रहा है। हालांकि अंदर खाते सरकार चुनाव आयोग और बीसीसीआई समेत आईपीएल प्रबंधन के बीच किक्रेट और चुनाव की तारीखों और मैच आयोजन शहरों और क्षेत्रों को लेकर तालमेल भी हो चुका है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कराने की तारीखों के साथ ही आईपीएल मैचों की भी घोषणा कर दी जाएगी। मोटे तौर पर 20 मार्च से पहले आईपीएल आरंभ होकर जाए मई मध्य तक इसको खत्म करने की योजना है। मालूम हो कि 26 मई से पहले नयी सरकार का गठन हो जाना चाहिए। यानी करीब 15, मई तक मतदान खत्म कराके 20 मई तक चुनावी परिणाम घोषित करना  संवैधानिक तौर पर जरुरी है।—- उल्लेखनीय हैं कि 2019 की तरह ही 2009 में भी किक्रेट और लोकसभा चुनाव का संयोग बन गया। तब 2008 में आरंभ हुए किक्रेट का यह हाफ पैंट संस्करण 20-20 नया था और तब इसके भविष्य और  लोकप्रियता  सहित आमदनी पर भी बीसीसीआई को अंदाजा नहीं था। लिहाजा आईपीएल की निरंतरता को बचाने के लिए आईपीएल – दो को दक्षिण अफ्रीका ले जाया गया। तत्कालीन आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की पहल पर दक्षिण अफ्रीका सरकार आयोजन के लिए राजी हो गयी। उस समय वहां भी चुनाव हो रहा था। इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने इसकी मेजबानी की और इसके बदले में उसे करीब 600 करोड़ रुपयों का लाभ हुआ। हजारों एशियाई किक्रेट प्रेमियों के वहां जाने से पर्यटन होटल और संबंधित तमाम कारोबारियों की चांदी हो गयी।                   ——  पिछले 12 साल में आईपीएल का आयोजन महाकुंभ का रुप ले चुका है। किक्रेट का यह हाफ पैंट संस्करण कमाई के मामले में टेस्ट और वनडे 50-50 ओवर  मैच से काफी आगे निकल गया है। और  तकरीबन तमाम खर्चों को काटने के बाद भी बीसीसीआई करीब पांच हजार करोड़ रुपयों की शुद्ध कमाई को गंवाना नहीं चाहती थी। आयोजन के दौरान टिकट से लेकर टैक्स के रुप में मिलने वाली करीब 10-11 हजार करोड़ राजस्व को भारत सरकार भी खोना नहीं चाहती थी।  किक्रेट के बूते की कमाई कर गौर करते हुए प्रधानमंत्री के विशेष निर्देश के बाद ही आईपीएल और चुनाव आयोग के बीच तारीखों और क्षेत्रों के तालमेल को अंतिम रूप दिया गया है। जिसके तहत मैच को पहले की ही तरह एक दिन में सुबह और शाम दो मैचों का आयोजन होगा। मगर उस बार मैच के गैप को कम करके रोजाना मैच होंगे। कार्यक्रम को इतना टाईट रखा जा सकता है कि एक टीम को हर तीसरे दिन मैदान में उतरना पड सकता है। खिलाड़ियों को आराम करने का मौका भी नहीं मिलेगा।—-  आईपीएल सूत्रों के अनुसार मैचों के आयोजन में चुनावी इलाकों के साथ तालमेल करना होगा। जिसके तहत् यदि दक्षिण भारत में यदि पहले चरण में मतदान होगा तो आईपीएल के मैच दूसरे क्षेत्रों में कराया जाएगा। और जब दक्षिण या मतदान हो चुके इलाके में चुनावी सरगर्मियां समाप्त होते ही इधर मैचों का आयोजन आरंभ हो जाएगा। मैचों के आयोजन की तैयारी को सफल और लोकप्रिय ढंग से कराने के लिए ही चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद ही आईपीएल 20-20 मैचों के टाईम टेबल डेट और शहरों को तय करके पुरे आयोजन कार्यक्रम को घोषित किया जाएगा। ताकि किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो सके।  सेमी फाईनल और फाइनल मैच कहां पर होंगे इसका फैसला भी  चुनाव आयोग के    कार्यक्रम के सार्वजनिक होने पर ही किया जाएगा।—-  किक्रेट के सबसे छोटे संस्करण जिसे हाफ पैंट संस्करण कहा जाता है,कि कमाई से वनडे और टेस्ट मैचों पर संकट बन गया है। मोटे तौर पर आईपीएल करीब 40 हजार करोड़ रुपए का घोषित अघोषित  कारोबार बन गया है। सरकार को टैक्स में मोटी रकम मिलती है तो टीमों स्टेडियम वाले शहरों होटलों पर्यटकों आदि से हजारों छोटे बड़े कारोबारियों की कमाई बढ़ जाती है। एडवरटाइजिंग एजेंसियों  से लेकर नए नए ऐडवर्टाइजमेंट बनकर धूम मचाने के लिए तैयार होंगी। यानी औसतन  70-72 मैचों वाले इस हाफपैंटी आयोजन के लिए भारत में लाखों लोग मौज मस्ती के बीच मोटी कमाई का मौका तलाश रहे हैं। विदित हो कि हर चार साल के बाद आयोजित होने वाले  विश्वकप वनडे किक्रेट टूर्नामेंट का आयोजन होना  बाकी है। जिसके लिए भी खिलाड़ियों को फौरन रवाना होगा। मगर तब तक लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनावी महासमर का समापन भी हो जाएगा।  देश में किसकी सरकार बनेगी और किस किस पार्टियों को नव चुनाव में क्या हासिल होगा? इस पर भी कोई दावा करने इतना ही यह दावा करना है कि आईपीएल- 12 का फाईनल मैच कौन सी टीम जीतेगी?ReplyReply allForward
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