अनामी शरण बबल प्रधानमंत्री मोदी बनारस के साथ जगन्नाथ पुरी से भी चुनाव लडेंगे / नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी बनारस के साथ- साथ इस बार उड़ीसा के धार्मिक संसदीय क्षेत्र जगन्नाथ पुरी संसदीय क्षेत्र से भी लोकसभा चुनाव लडेंगे। पिछली आम चुनाव 2014 में मोदी बनारस के साथ- वडोदरा से भी चुनाव मैदान में उतरें थे। करीब पौने पांच लाख मतों से जीत हासिल की थी, मगर बनारस से भी जीत हासिल करने के बाद उन्होंने वडोदरा सीट को छोड़ दिया था। बनारस के सांसद के रूप में वे आज़ प्रधानमंत्री है। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस बार उड़ीसा को लेकर प्रधानमंत्री काफी गंभीर है। उनकी गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि वे कल 15 जनवरी को उड़ीसा के बलांगीर में एक जनसभा करने वाले हैं। पिछले पौने पांच साल में प्रधानमंत्री की यह 10 वीं जनसभा और दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी का जगन्नाथ पुरी से चुनाव लडने का फैसला कोई अचानक नही है। 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के विस्तार और 2019 चुनाव को लेकर नुकसान की भरपाई के लिए उड़ीसा को लेकर संजीदा थे। विपक्षी दलों का टारगेट मोदी को रोकना था। इसी के मद्देनजर बिहार यूपी समेत उतर भारत के हिंदी प्रांतों में विपक्षी दल पिछले दो साल से सक्रिय हैं। मगर दुर की नज़र रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2015 से ही उड़ीसा को लेकर गंभीर थे और जगन्नाथ पुरी संसदीय क्षेत्र को इसके लिए तय किया गया। —- उल्लेखनीय है कि मई 2017 में सतारूढ़ होने के बाद उड़ीसा की पहली यात्रा प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2015 में की थी। फ़रवरी 16 में पारादीप में इंडियन अॉयल रिफाइनरी के उद्घाटन करने के बाद पहली बार मोदी पुरी में दर्शन करने के बाद रोड शो किया था। फ़रवरी माह में ही प्रधानमंत्री ने उड़ीसा के बरगढ़ का दौरा करके एक किसान महासम्मेलन को संबोधित किया। दो जून 16 को प्रधानमंत्री ने बालासोर की जनसभा में अपने कार्यकाल के दो सालों की उपलब्धियों का बखान किया। अप्रैल 17 में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लिया। यहां के पदाधिकारियों ने जगन्नाथ पुरी से चुनाव लडने का भी आग्रह किया। इस यात्रा के 13 माह के बाद मई2018 में मोदी ने कटक के जनसभा करके अपनें चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को बताया। अपार जनसमूह और सूबे में लगातार आते रहने से आम जनता में भी वे लोकप्रिय होते रहे। 2018 में ही प्रधानमंत्री ने सितंबर और दिसंबर में तालचेर झारसुगुड़ा भुवनेश्वर में आईआईटई और खोरदा में जनसभा की।—-अलबत्ता इसी साल पांच जनवरी 2019को बारीपडा मयूरभंज में जनसभा की। और कल 15 जनवरी 2019 को बलांगीर में एक जनसभा करके प्रधानमंत्री दक्षिण भारत के लिए चुनावी अभियान आरंभ करेंगे। उत्तरप्रदेश और बिहार में इस बार होने वाले चुनावी नुकसान को भाजपा इधर यानी उड़ीसा पश्चिम बंगाल आंध्र प्रदेश तेलंगाना और केरल कर्नाटक और तमिलनाडु से भरपाई की उम्मीद है। जिसके लिए भाजपा और बीजद यानी बीजू जनतादल के नेता और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मौन सहमति हो गयी है। पश्चिम बंगाल आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भी कई दलों के साथ सहमति बनी है। करीब दो दर्जन दौरों से अध्यक्ष अमित शाह ने शिथिल जनसंगठन और उदासीन कार्यकर्ताओं को उत्साहित करके सजीव बना दिया है। अमित शाह के संपर्क में दक्षिण के फिल्मी अभिनेता कमल हासन और रजनीकांत भी है, मगर अभी तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। बंगाल में भी भाजपा अंगड़ाई लेने लगी है।— यूपी में सपा बसपा की एकता और वोटकटवा पार्टी की तरह सभी सीटों पर चुनाव लडने के लिए मजबूर कांग्रेस के चलते कही त्रिकोणीय तो कहीं बहुकोणीय संघर्ष में भाजपा को नुक्सान की आशंका अधिक है। बहरहाल बनारस का कायाकल्प करने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी से सांसद होने के लिए बेताब है। जिसके लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सूबे की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने राज्य का सांसद बनाने के लिए राजी हो गए हैं। अलबत्ता जगन्नाथ पुरी के सांसद होने के लिए बेताब प्रधानमंत्री बनारस में मोक्ष के लिए विख्यात काशी करवट को भी फतह करके ही वडोदरा की तरह छोड़ना पसंद करेंगे। वाह बनारस और आह बनारस के बीच जगन्नाथ पुरी की जय हो।।।