सुशासन कुमार के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक बगावत
नयी दिल्ली
बिहार में सुशासन सरकार उर्फ नीतीश कुमार सरकार की पूरी-पूरी पोल पट्टी सु्प्रीम कोर्ट में खुल चुकी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अदालत में बिहार के चीफ सेक्रेटरी और पुलिस महानिदेशक को कड़ी फटकार लगाते हुए अदालत ने सबकी फरियाद को खारिज करते हुए राज्य के सभी 17 शेल्टर होम की जांच का जिम्मा सीबीआई के हवाले कर दिया। जांच के दौरान किसी भी अधिकारी के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से बिहार सरकार सांसत में है। तो बिहार समेत पूरा देश शेल्टर कांड में हैरतअंगेज अंजाम से आशंकित है। सीबीआई। टाटा इंस्टीट्यूट आफ स़ोशल साइंस की रिपोर्ट के बाद ही इन शेल्टर होम के अंदरूनी हालातों के काले सच की पोल पट्टी का सच बेनकाब हुआ था।
बिहार विधानसभा में शेल्टर होम की सुप्रीम सुनवाई के बाद पूरे राज्य में भारी उथल-पुथल है। विपक्ष ने विधानसभा से लेकर पूरे राज्य के शहर शहर तक सड़कों पर सरकार के खिलाफ आंदोलन आरंभ हो चुका है। वहीं विधानसभा में सरकार की हो रही छीछा लेदर से विधानसभा को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। - मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिगों के साथ जबरन बलात्कार हत्या और शारीरिक-मानसिक शोषण की ख़बरें अखबारों में छपती भी रही। इसी बीच पटना के आशा शेल्टर होम से दर्जन भर लड़कियों के भागने की खबर से सनसनी फ़ैल गयी। पटना के एक शेल्टर होम में आधा दर्जन लड़कियों के गर्भवती होने की खबर से भी हंगामा खडा हो गया। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तो गर्भवती हुई बालिकाओं को जबरन पटना के ताकतवर नेताओं और नौकरशाहों के पास भेजने का आरोप लगाया था। इंस मामले में संलिप्त होने के कारण बिहार की समाज कल्याण मंत्री श्री मती मंजू वर्मा और इनके पति चंद्रेश्वर वर्मा जेल में बंद हैं। करीब दो माह तक लापता रही पूर्व मंत्री मंजू वर्मा आर्म्स एक्ट के तहत सीबीआई की हिरासत में हैं। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के संचालन ब्रजेश ठाकुर को पंजाब के पटियाला जेल में बंद हैं। पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राज्य सरकार कीश उपेक्षित रवैया पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। सीबीआई की निष्पक्ष जांच से बिहार के भीतर भूचाल की आशंका है। अब देखना-सुनना और समझना है कि शेल्टर होम की जांच के बाद क्या क्या राज़ खुलता है। कौन कौन और कितने लोग किस किस तरह के आरोपों से लांछित होते हैं।
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