पकौडा बेचने में भारत से आगे निकल गये पाकिस्तानी बेरोजगार/अनामी शरण बबल

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पाकिस्तान  के बेरोजगारों ने चालू किया पकौड़े का बिजनेस । 
                             बेरोजगारी से निपटने के लिए युवाओं को पकौड़े बेचने का सलाह देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी भारी पड़ा था।  लोग आज भी इसका उपहास करते हैं। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पकौड़े बेचकर करोड़पति बनने का नया नुस्खा देकर पकौडा बिजनेस को लाभदायक बताकर युवाओं को इसमें किस्मत आजमाने की सलाह दी है। उधर  पाकिस्तान में कहीं विरोध में तो कहीं व्यापार के रूप में पकौड़े बेचने का कारोबार फैलता जा रहा है।
— उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल बेरोजगारी से निपटने के लिए युवाओं को पकौडा बेचने का  सलाह दिया। मोदी ने कहा कि खाली बैठने से बेहतर है कि पकौड़े बेचकर जीवनयापन करें पीएम के इस घोषणा का खूब मजाक बनाया गया। पीएम पर युवाओं को आहत करने का आरोप लगाया।  पीएम की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पकौड़े के कारोबार को महिमामंडन किया। ममता ने करोड़पति बनने के लिए पांच सौ रुपये के इस बिजनेस को आजमाने की सलाह दे डाली। निसंदेह पीएम के बाद ममता की पकौडा पोलिटिकल से इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया जा सकता है।       – – – — एक तरफ पकौड़े को लेकर भारत में अभी तक इसको लेकर  मजाकिया लहजा बरकरार है। यानी अभी तक यह मुद्दा हास्य परिहास में ही हवा हवाई चल रहा है। मगर पाकिस्तानी बेकार युवकों को पकौड़े बेचने की सलाह रास आई है। कहीं विरोध में तो कहीं सामूहिक रूप से युवाओं की टोली पकौड़े बेचकर कमाई करने लगे हैं। पाकिस्तान के कुछ अखबारों और टीवी से छंटनी से बाहर किए गए पत्रकारों ने पाक संसद के बाहर रेहडी लगातार पकौड़े बेच रहे हैं। हालांकि इस अभियान को आरंभ में युवाओं ने सरकारी नीतियों के विरोध में मजाक में पकौडा बेचना चालू किया था। बेरोजगारों और बेकार हो गये पत्रकारों के खिलाफत पर जनता ने भी इस जनतांत्रिक विरोध का भरपूर साथ दिया। लोगों की सहानुभूति और समर्थन से उत्साहित युवकों ने बड़े पैमाने पर कारोबार को फैला दिया। ज्यादातर लोग भी सरकारी नीतियां के खिलाफ सडकों पर धंधा करने उतरे युवकों की इस अहिंसक शैली को पसंद किया। और देखते ही देखते पाकिस्तान में पकौड़े बेच रहे ज्यादातर युवक काफी उत्साहित हैं। काफी लोग आर्थिक मदद देकर बेकार युवकों को  बेहतर ढंग से कारोबार को फैलाने में मदद कर रहे हैं। एकाएक पाकिस्तान में लोकप्रिय हो रहे पकौड़े के कारोबार से लोगों के साथ साथ युवाओं  में भी संतोष है। मगर इस अहिंसक पकौडा अभियान से सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाने में लगी है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो भी बेकार युवकों के साथ खड़े हो गये हैं। पीपीपी द्वारा बेकार को बतौर लोन पैसे की मदद की जा रही है। भुट्टो ने इमरान सरकार पर युवक विरोधी होने का आरोप लगाया है। मोटे तौर पर पाकिस्तान के भीतर करीब एक साल के दौरान को पांच हजार से अधिक युवक चाय पकौड़े को ही फिलहाल रोजगार बना लिया है और नागरिकों की संवेदना और समर्थन से इनका नजरिया सकारात्मक हो रहा है। जबकि टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इसके लिए मदद करने की घोषणा के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या भारतीय नौजवान पाकिस्तानी युवकों को सलामी देकर बेकारी के खिलाफ इस व्यक्तिगत जंग के लिए कुछ करने को तैयार हैं?
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